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8th Pay Commission लागू होने में लग जाएंगे 2 साल! साल 2026 में सैलरी बढ़ने के आसार नहीं

8th Pay Commission: देशभर के 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार है। सरकार ने भले ही 16 जनवरी 2025 को इस आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब तक इसका औपचारिक रूप से गठन नहीं हुआ है। इसके लागू होने में 2 साल का समय लग सकता है। जानिये कारण

अपडेटेड Jun 13, 2025 पर 9:19 AM
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8th Pay Commission: देशभर के 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार है।

8th Pay Commission: देशभर के 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। सरकार ने भले ही 16 जनवरी 2025 को इस आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब तक इसका औपचारिक रूप से गठन नहीं हुआ है। अभी तक अध्यक्ष और सदस्य तय नहीं किए गए हैं और न ही इसका Terms of Reference (ToR) फाइनल हुआ है। करीब छह महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है, जिससे यह साफ है कि अब यह आयोग समय पर अपनी सिफारिशें नहीं दे पाएगा और 1 जनवरी 2026 से नई सैलरी लागू होने की उम्मीद भी लगभग खत्म हो चुकी है। इसके लागू होने में 2 साल का समय लग सकता है।

पिछले वेतन आयोगों से क्या संकेत मिलता है?

अगर हम 6वें और 7वें वेतन आयोग का प्रोसेस और टाइम पीरियड देखें तो रिपोर्ट तैयार करने और उसे लागू करने में औसतन 2 से 2.5 साल का समय लगा है।


6वां वेतन आयोग

6वां वेतन आयोग 5 अक्टूबर 2006 को गठित हुआ था। इसने अपनी रिपोर्ट 24 मार्च 2008 को सौंपी। सरकार ने इसे 1 जनवरी 2006 से पिछली तारीख से लागू किया और अगस्त 2008 में इसकी मंजूरी दी गई। रिपोर्ट बनने में करीब 1 साल 5 महीने लगे और मंजूरी मिलने में 5 महीने का समय लगा। बकाया दो किश्तों में कर्मचारियों को मिला।

7वां वेतन आयोग

7वां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को बना था। इसने 19 नवंबर 2015 को रिपोर्ट सौंपी। इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया। सरकार ने जून 2016 में इसकी स्वीकृति दी। रिपोर्ट तैयार होने में लगभग 1 साल 9 महीने लगे और लागू करने में 7 महीने का समय लगा। जनवरी से जून 2016 तक का बकाया दिया गया।

8वां वेतन आयोग

8वां वेतन आयोग, जिसे लेकर फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा है, अभी तक औपचारिक रूप से बना ही नहीं है। इसके 2025 के अंत तक बनने की संभावना है और रिपोर्ट 2027 या 2028 तक आ सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसे 2028 में लागू किया जा सकता है। रिपोर्ट बनने में करीब डेढ़ साल और लागू होने में 6 से 8 महीने लग सकते हैं। लेकिन चूंकि अभी तक न अध्यक्ष तय हुआ है, न ही Terms of Reference (ToR) फाइनल हुए हैं, इसलिए इसकी प्रक्रिया अधूरी है और कुछ भी पक्का कहना मुश्किल है।

कब तक लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?

इसका मतलब है कि अगर 8वां वेतन आयोग 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में गठित होता है, तो इसकी रिपोर्ट 2027 या 2028 तक आ सकती है। इसे लागू होने में और 6–8 महीने का समय लग सकता है। यानी, नई सैलरी 2028 में लागू हो सकती है। भले ही सरकार इसे 1 जनवरी 2026 से लागू कर दे और बकाया (arrears) दें।

8वें वेतन आयोग की स्थिति क्या है?

सरकार ने अब तक सिर्फ 35 स्टाफ पदों के लिए डिप्यूटेशन सर्कुलर जारी किया है, लेकिन अध्यक्ष, सदस्य या सचिव की कोई घोषणा नहीं हुई है। Terms of Reference (ToR) को लेकर विचार-विमर्श अभी जारी है। जब तक ToR तय नहीं होते, आयोग के काम शुरू करने की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ सकती। ऐसे में कर्मचारियों की उम्मीदें फिलहाल सिर्फ अटकलों पर टिकी हैं।

कर्मचारियों की मांगें क्या हैं?

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने सरकार को कई सुझाव भेजे हैं, जिनमें प्रमुख मांगे ये हैं।

5 सदस्यीय परिवार के आधार पर न्यूनतम वेतन तय किया जाए।

वेतन लेवल का मर्जर किया जाए।

हर 5 साल में पेंशन की समीक्षा की जाए।

12 साल बाद दोबारा पूरी पेंशन बहाल की जाए।

50% महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में जोड़ा जाए।

सैलरी कितनी बढ़ सकती है?

सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर है, जो यह तय करता है कि मौजूदा सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92x से 2.86x के बीच तय किया जाता है, तो मौजूदा 18,000 रुपये के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 51,000 रुपये तक किया जा सकता है। इसी तरह, पेंशनर्स को Dearness Relief और New Pension Scheme के तहत अतिरिक्त लाभ मिलने की संभावना है। लेकिन जब तक सरकार आयोग का गठन नहीं करती और ToR तय नहीं होता, तब तक सब कुछ सिर्फ अटकलबाजी ही है।

1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने की उम्मीद अब कमजोर पड़ती दिख रही है। जब तक सरकार आयोग का गठन और रिपोर्ट प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू नहीं करती, तब तक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को स्पष्ट दिशा या टाइमलाइन नहीं मिल पाएगी। अब सभी की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है कि वह कितनी तेजी से यह प्रक्रिया शुरू करती है। क्या वह पिछली तारीख से वेतन बढ़ाकर कर्मचारियों को राहत देती है या फिर इंतजार लंबा होता है।

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