8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। 8वां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 13% की बढ़ोतरी हो सकती है। अभी तक ऐसी उम्मीद थी कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 3 गुना हो सकती है। लेकिन नई रिपोर्ट से कर्मचारियों के सपने टूट सकते हैं। हालांकि, यह राहत अभी तुरंत नहीं मिलने वाली, क्योंकि इसका लागू होना 2026 के आखिर या 2027 की शुरुआत से पहले संभव नहीं है।
कितना बढ़ेगा न्यूनतम वेतन?
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.8 रखा जा सकता है। इसका मतलब है कि मौजूदा वेतन को 1.8 से गुणा करके नया वेतन तय किया जाएगा। इस हिसाब से न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रति माह किया जा सकता है। जो अभी तक ऐसी खबरें आ रही थी कि ये बढ़कर 51,000 रुपये हो सकता है। सैलरी को लेकर इन नई संभावनाओं से कर्मचारियों को झटका लग सकता है।
फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जिसकी मदद से पुराने वेतन को नए वेतनमान में बदला जाता है। जैसे 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे काफी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी थी।
लागू होने में देरी क्यों?
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा तो कर दी है, लेकिन अभी तक न ही इसकी Terms of Reference (ToR) तय हुई हैं और न ही आयोग के सदस्यों की नियुक्ति हुई है। कोटक का अनुमान है कि आयोग की रिपोर्ट आने में लगभग डेढ़ साल लगेंगे, और इसके बाद सरकार को इसे मंजूरी देने और लागू करने में 3 से 9 महीने का समय लगेगा।
कितना खर्च आएगा सरकार को?
कोटक के मुताबिक वेतन आयोग लागू होने से सरकार पर 2.4 से 3.2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो कि GDP का लगभग 0.6-0.8% होगा। सबसे ज्यादा फायदा Grade C के कर्मचारियों को होगा, जो केंद्र सरकार की वर्कफोर्स का 90% हिस्सा हैं।
पिछले वेतन आयोगों की तरह इस बार भी कार, उपभोक्ता सामान (FMCG) जैसे एरिया में खर्च बढ़ने की संभावना है। कोटक का कहना है कि इससे लोगों की बचत भी बढ़ेगी। अनुमान है कि वेतन बढ़ने से 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत हो सकती है, जो शेयर बाजार, बैंक जमा और फिजिकल एसेट्स में निवेश हो सकती है।
21 जुलाई 2025 को संसद में एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 8वें वेतन आयोग को लेकर काम शुरू हो गया है। मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक विभाग और राज्यों से सुझाव मांगे हैं। जब आयोग अपनी सिफारिशें देगा और सरकार उन्हें मंजूरी देगी, तब इसे लागू किया जाएगा।
हर 10 साल में आता है नया वेतन आयोग
भारत सरकार आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में महंगाई और खर्चों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए जाते हैं। इससे पहले 7वां वेतन आयोग साल 2016 में लागू किया गया था।