Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया 2025 के मौके पर सोने की चमक और बढ़ गई है। आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक हालातों के बीच निवेशकों ने एक बार फिर सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प माना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में सोने ने 30% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। अगर एक्सपर्ट की माने तो अगर सोना 1,00,000 के स्तर पर कुछ समय रहता है, तो सोना अगली अक्षय तृतीया तक 1,10,000 रुपये होगा। अगर गिरावट का दौर रहता है तो सोने का भाव 87,000 रुपये तक भी आ सकता है।
अक्षय तृतीया 2024 के दौरान 24 कैरेट सोना 73,240 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था। वहीं 2025 में यह बढ़कर 97,000–98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुका है। यानी निवेशकों को एक साल में ही 30% से ज्यादा का रिटर्न मिला है।
अगर लंबी पीरियड की बात करें तो सोने की कीमतों में शानदार उछाल देखने को मिला है। अक्षय तृतीया 2014 में सोने का भाव करीब 30,182 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब 200% से ज्यादा बढ़ चुका है।
2025 की शुरुआत सबसे मजबूत
Axis Securities के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट देवया गागलानी ने बताया कि 2025 की पहली चार महीनों में सोना निवेशकों के लिए बेहद लाभदायक रहा है। कीमतों में करीब 25% की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले एक दशक की सबसे मजबूत शुरुआत मानी जा रही है।
क्या रहेगा आगे का ट्रेंड?
गागलानी ने कहा कि केंद्रीय बैंकों की खरीदारी डॉलर इंडेक्स में गिरावट और भू-राजनीतिक तनाव सोने की तेजी को सपोर्ट कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि अगर कीमतों में 5-10% की गिरावट आती है तो वे किश्तों में सोने में में खरीदारी करें, क्योंकि मौजूदा स्तर पर जोखिम-रिवॉर्ड का अनुपात थोड़ा कमजोर है।
सोना आएगा 87000 रुपये के स्तर पर?
अगर सोने के दाम 1 लाख रुपये से ऊपर टिकते हैं तो अगले अक्षय तृतीया तक यह 1,10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। लेकिन अगर बाजार में थोड़ी नरमी आती है तो यह 87,000 रुपये के आसपास भी रह सकता है।
डॉलर और ब्याज दरें भी करेंगी असर
Kotak Mahindra AMC के फंड मैनेजर सतीश डोंडापाटी के अनुसार हाल ही में सोने में मुनाफावसूली के चलते गिरावट आई है और डॉलर में फिर से रुचि बढ़ी है। कम समय में सोने की दिशा अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी, जिसमें महंगाई और रोजगार से जुड़े आंकड़े शामिल हैं। इससे फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर स्थिति साफ होगी।
चांदी की कीमतें भी मजबूती दिखा रही हैं। इंडस्ट्रियल डिमांड और सुरक्षित निवेश के रूप में इसकी पहचान ने चांदी को सपोर्ट दिया है। कम ब्याज दरों की उम्मीद और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते चांदी का लंबे पीरियड का रुख भी तेजी वाला बना हुआ है।