आज के समय में पर्सनल लोन यानी व्यक्तिगत कर्ज बहुत से लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करता है। लेकिन अकसर लोग केवल ब्याज दर देखकर लोन लेते हैं, जबकि कर्ज की असल लागत कई और कारकों से बनती है। इसीलिए लोन लेने से पहले उसकी कुल लागत को सही से समझना बेहद जरूरी होता है ताकि बाद में वित्तीय बोझ से बचा जा सके।
कर्ज की लागत केवल ब्याज तक सीमित नहीं रहती। प्रोसेसिंग फीस, दस्तावेजीकरण शुल्क, पूर्व भुगतान शुल्क (फोरक्लोजर और प्रीपेमेन्ट चार्ज), और अन्य प्रशासनिक खर्च भी आपकी कुल लागत में शामिल होते हैं। अगर आप समय से पहले कर्ज चुकाते हैं तो ये शुल्क बढ़ सकते हैं, इसलिए सभी शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ना आवश्यक है।
अपने पर्सनल लोन की मासिक किस्त (EMI) का पता लगाने के लिए कई ऑनलाइन ईएमआई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं। इन कैलकुलेटर में आप लोन राशि, ब्याज दर, और चुकाने की अवधि डालकर अपनी अनुमानित मासिक किस्त और कुल ऋण लागत जान सकते हैं। सही EMI का अनुमान लगाने से आप अपने बजट के अनुसार लोन की योजना बना सकते हैं और आर्थिक दबाव को कम कर सकते हैं।
लोन की तुलना करते समय एपीआर (Annual Percentage Rate) को देखें जो कि ब्याज दर के अलावा हर तरह की फीस को सम्मिलित करता है। यह प्रतिशत आपको दिखाता है कि पूरे वर्ष में आपकी वास्तविक लागत कितनी आ रही है। अलग-अलग बैंकों के ऑफर्स की तुलना APR के आधार पर करना अधिक उपयोगी होता है।
कर्ज लेने से पहले पूरी तरह से उसकी शर्तों को पढ़ें और समझें। छिपे हुए शुल्क या अनुचित फीस से बचें। अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही सही लोन चुनें ताकि आपकी वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
इस तरह से पर्सनल लोन की कुल लागत का आकलन और समझदारी से निर्णय लेना आपको भविष्य में वित्तीय तनाव से बचाएगा और आपकी बचत को भी बढ़ावा देगा। सही जानकारी और सही योजना के साथ लिया गया लोन आपकी आर्थिक स्वायत्ता को मजबूत करता है।