नोएडा-गाजियाबाद में खरीद रहे हैं घर? रखें इन डॉक्यूमेंट्स का ध्यान, वरना बाद में होंगे परेशान

Property Market: यूपी में बिल्डर बिना रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के फ्लैट होमबायर्स को दे रहे हैं। ये चिंताजनक ट्रेंड सामने नजर आया है। इस कारण राज्य सरकार क करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। होमबायर्स को भी इस कारण आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है

अपडेटेड Nov 13, 2024 पर 3:59 PM
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Property Market: यूपी में बिल्डर बिना रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के फ्लैट होमबायर्स को दे रहे हैं।

Property Market: यूपी में बिल्डर बिना रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के फ्लैट होमबायर्स को दे रहे हैं। ये चिंताजनक ट्रेंड सामने नजर आया है। इस कारण राज्य सरकार क करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। होमबायर्स को भी इस कारण आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

क्या है मामला?

कई बिल्डर खरीदारों को फ्लैट का कब्जा तो दे रहे हैं लेकिन उसे रजिस्टर नहीं करा रहे। बिल्डर केवल ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (OC) और कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन स्टाम्प ड्यूटी बचाने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को नजरअंदाज कर देते हैं।

उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम और स्टाम्प अधिनियम 1899 के तहत फ्लैट का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। लेकिन बिल्डर इस कानून का उल्लंघन कर खरीदारों से पूरा पैसा लेने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे। इससे राज्य सरकार को भारी नुकसान हो रहा है। उदाहरण के तौर पर गाजियाबाद में लगभग 600 फ्लैट बिना रजिस्ट्रेशन के सौंपे गए, जिससे अनुमानित 12,000 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी का नुकसान हुआ है।


सरकार का सख्त रुख

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और स्थानीय विकास प्राधिकरणों को ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) से मामले की तैयार रिपोर्ट मांगी गई है। इससे पहले 2018 में भी गाजियाबाद जिला प्रशासन ने तीन बिल्डरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी किए बिना खरीदारों को फ्लैट सौंप दिए थे।

होमबायर्स भी होते हैं परेशान

रजिस्ट्री नहीं कराने से होमबायर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। रजिस्ट्रेशन न होने पर बिल्डर फ्लैट की मेंटेनेंस का अधिकार अपने पास रखते हैं और मनमानी मेंटेनेंस फीस वसूलते हैं। रजिस्ट्रेशन होने के बाद यह जिम्मेदारी अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) या रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) को मिलती है, जो आमतौर पर कम चार्ज लेती हैं।

बिजली के बढ़े हुए दाम

बिल्डर सरकार से सब्सिडी पर बिजली खरीदते हैं और इसे निवासियों को ऊंचे दाम पर बेचते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद यह लाभ बिल्डर को नहीं मिलता और निवासियों को सीधी बिजली सप्लाई शुरू हो जाती है।

खरीदारों को रखना होगा ध्यान

फ्लैट खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि बिल्डर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करे। बिना रजिस्ट्रेशन आप कानूनी अधिकार से वंचित हो जाते हैं। अधिक मेंटेनेंस और बिजली चार्ज चुकाने के लिए मजबूर हो सकते हैं। भविष्य में प्रॉपर्टी के स्वामित्व को लेकर समस्याएं हो सकती हैं। फ्लैट खरीदने वाले खरीदारों को सतर्क रहने और बिल्डर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने की मांग करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट और कंप्लीशन सर्टिफिकेट के साथ-साथ फ्लैट का कानूनी रजिस्ट्रेशन भी हो।

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