CGHS Cardholder: CGHS कार्डहोल्डर सरकारी कर्मचारी प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकते हैं। उन्हें पहले दिन से एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं है। बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है। केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा योजना है। 1954 में बनाई गई इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सस्ती और आसान हेल्थ सर्विस देना हैं। CGHS का नेटवर्क पूरे भारत में पैनल में शामिल अस्पतालों, क्लीनिकों और वेलनेस केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है।
CGHS के तहत कर्मचारियों को उनकी मासिक आय के आधार पर ₹250 से ₹1000 तक का कम अमाउंट हर महीने की सैलरी से काटा जाता है। इसके बदले में उन्हें हेल्थ सर्विस और दवाएं दी जाती है। CGHS वेलनेस केंद्रों और फार्मेसियों का एक बडा नेटवर्क ऑपरेट करता है। यहां डॉक्टर की तय की गई दवाई मिल जाती है। CGHS योजना के तहत स्पेशल इलाज और दवाईयों कि लिए कर्मचारियों को किसी पैनल में शामिल अस्पताल में जाने का विकल्प दिया जाता है।
CGHS का लाभ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्य, पेंशनर्स, संसद के पूर्व और मौजूदा सदस्य, भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी, भारत के पूर्व राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व और वर्तमान न्यायाधीश, दिल्ली पुलिस के कर्मचारी, रेलवे बोर्ड के कर्मचारी और पेंशनर्स और दिल्ली के स्वायत्त संगठनों के कर्मचारियों को मिलता है। इसके अतिरिक्त प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के योग्य पत्रकार भी दिल्ली में इसका फायदा उठा सकते हैं।
क्या CGHS कार्ड प्राइवेट अस्पतालों में होता है मान्य?
CGHS के तहत पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में CGHS कार्ड धारकों को हेल्थ सर्विस दी जाती हैं। इन अस्पतालों ने सरकार के साथ एक समझौता किया है, जिसमें वे CGHS के बताएं रेट पर इलाज की सर्विस देते हैं। इलाज के ये रेट्स सामान्य मरीजों के मुकाबले कम होती हैं। यह व्यवस्था CGHS लाभार्थियों को उन खास इलाज की सर्विस देता है जो सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हो सकते।
CGHS के तहत मेडिकल बिल भी रींबर्स किये जाता है। मान लीजिए अगर आपने प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया है और पूरा पेमेंट कर दिया है। तो भी आप अपने मेडिकल बिल को रींबर्स करा सकते हैं। इसके लिए मेडिकल खर्च का दावा CGHS ऑफिस में तीन महीने के अंदर देना होता है। एक परिवार के लिए सालाना अधिकतम लाभ 5 लाख रुपये तक सीमित है।
नए CGHS कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
CGHS की वेबसाइट से नया पेंशनर्स CGHS कार्ड आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें या अपने शहर के CGHS ऑफिस से ले सकते हैं। फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें। भारत कोष पोर्टल का इस्तेमाल करके जरूरी CGHS योगदान का पेमेंट ऑनलाइन करें और पेमेंट का चालान जनरेट करें। भरे हुए फॉर्म के साथ चालान और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट (जैसे पेंशन का प्रमाण, पते का प्रमाण आदि) को अपने शहर के CGHS अतिरिक्त निदेशक के पास जमा करें। आप ऑनलाइन ई-कार्ड के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
CGHS कार्ड के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
आश्रित पुत्र के मामले में उसकी आयु का प्रमाण।
25 साल से अधिक उम्र के आश्रित पुत्र के लिए सरकारी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड के जारी विकलांगता प्रमाण पत्र।
पेंशनर को PPO/प्रोविजनल PPO की प्रति या भारत कोष चालान की प्रति।
परिवार के आश्रित सदस्यों का आईडी प्रमाण (जैसे पासपोर्ट, पैन कार्ड, मास्क्ड आधार, वोटर आईडी कार्ड)।
आश्रित होने को साबित करने वाले डॉक्यूमेंट (जहां भी लागू हो)।