Indian currency: अगर आप भारत के पड़ोसी देश नेपाल, भूटान जाने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको करेंसी की कोई दिक्कत नहीं होगी। इन देशों में भारत की करेंसी धड़ल्ले से चलती है। जबकि अगर आप किसी अन्य देश में जाने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको अपनी भारतीय करेंसी को चेंज कराना पड़ता है। दरअसल, भारत और भूटान के साथ भारत का रुपया पैग्ड यानी फिक्स्ड है। इनके एक्सचेंज रेट में कोई बदलाव नहीं होता है। ऐसे में आप इन देशों से जमकर शॉपिंग कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें लगी हुई हैं।
भारत और नेपाल के बीच काफी कारोबार होता है। नेपाल में रोजगार का बड़ा स्रोत भी भारत ही है। इसलिए वहां भारतीय रुपये को आसानी से स्वीकार कर लिया जाता है। इतना ही नहीं भारतीय रुपये को लीगल करेंसी के रूप में जिम्बाब्वे में स्वीकार किया जाता है।
नेपाल में 100 रुपये का ही नोट इस्तेमाल कर सकते हैं
नेपाल में शॉपिंग के दौरान एक बात आपको ध्यान रखनी होगी आप 100 रुपये का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नेपाल जाने के लिए सिर्फ 100 रुपये के नोट ही लेजाने की अनुमति देता है। अगर आपको 200 और 500 रुपये के नोट ले जाना है तो 25,000 रुपये तक ले जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में साल 2021 में 100 रुपये से ऊपर के नोटों पर पाबंदी लगा दी गई थी। इन दिनों इस पर सख्ती बरती जा रही है। इससे नेपाल में खरीदारी करने वालों को कई तरह की कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है।
जानिए नेपाल में रुपये की वैल्यू
रुपये की वैल्यू नेपाली रुपये (NPR) के साथ फिक्स्ड है। 1 भारतीय रुपया 1.592 नेपाली रुपये के बराबर होता है। हालांकि, नेपाल कई मामलों में महंगा है। लिहाजा जरूरी नहीं कि आप कम पैसे ले जाकर भी वहां भारी खरीदारी कर लें।
इन देशों में भारत की करेंसी स्वीकार की जाती है
भारतीय रुपया नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव के कुछ हिस्सों में अनौपचारिक रूप से स्वीकार किया जाता है। हालांकि भारतीय रुपये को लीगल करेंसी के रूप में जिम्बाब्वे में स्वीकार किया जाता है। इसकी वजह ये है कि भारत इन देशों को बड़ी मात्रा में वस्तुएं निर्यात करता है। यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि जब कोई करेंसी "अंतरराष्ट्रीय व्यापार करेंसी" बनती है तो उसके पीछे सबसे बड़ा मूल कारण उस देश का 'निर्यात' होता है 'आयात' नहीं।