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कभी-कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है, जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है. फिर चाहे वो मेडिकल एमरजेंसी हो, शादी का खर्चा हो या कोई ट्रैवल प्लान, पर्सनल लोन ऐसे मौके पर काम आ सकता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके नियम बाकी लोन की तरह सख्त नहीं होते. इस बीच आजकल डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पर्सनल लोन लेना और भी आसान हो गया है.
बैंक और NBFCs आमतौर पर आपकी इनकम, क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर को देखकर लोन अप्रूव करते हैं. लेकिन अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा न हो, तो क्या पर्सनल लोन मिल सकता है? थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं.
सूची
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कम ब्याज़ दरक्रेडिट स्कोर एक तीन डिजिट का नंबर होता है, जो ये बताता है कि आप कितने भरोसेमंद बॉरोअर हैं. ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. 700 या उससे ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है, वहीं 600 से नीचे का स्कोर खराब. अगर स्कोर कम है, तो लोन मिलना मुश्किल हो सकता है या फिर इंटरेस्ट रेट ज्यादा लग सकता है.
लेट पेमेंट: लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI टाइम पर न देना.
हाई कार्ड बैलेंस: जब कार्ड पर खर्च ज्यादा होता है और पेमेंट कम.
अनपेड डेट्स : पुराने बकाया, खासकर जो कलेक्शन में जा चुके हैं.
बार-बार लोन अप्लाई करना: एक साथ कई एप्लिकेशन डालना.
बैंकरप्सी या फोरक्लोजर : ऐसे इश्यूज आपके स्कोर को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं.
क्रेडिट मिक्स न होना: अगर आपके पास सिर्फ एक ही तरह के क्रेडिट का होना.
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एलिजिबिलिटी : हर लेंडर का अपना एक मिनिमम क्रेडिट स्कोर होता है. कोई 650 मांगता है, तो कोई 750.
इंटरेस्ट रेट : क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर बैंक को आपके कम रिस्क नजर आता है. अगर स्कोर अच्छा है, तो आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिल सकता है. लेकिन स्कोर कम हुआ, तो या तो लोन रिजेक्ट हो सकता है या इंटरेस्ट रेट काफी बढ़ सकता है.
को-एप्लिकेंट : अगर क्रेडिट स्कोर कम है, तो आप को-एप्लिकेंट के साथ अप्लाई करके अप्रूवल के चांस बढ़ा सकते हैं.
को-एप्लिकेंट के साथ अप्लाई करें: अगर पार्टनर या फैमिली मेंबर का स्कोर अच्छा है, तो लोन मिलने की संभावना बढ़ती है.
सिक्योर लोन चुनें: अगर आपके पास कोई प्रॉपर्टी या एसेट है, तो उसे गिरवी रखकर लोन लेना आसान होता है.
रीपेमेंट कैपेसिटी दिखाएं: सिर्फ स्कोर नहीं, आपकी इनकम और फाइनेंशियल बैकग्राउंड भी मैटर करता है. ये बताएं कि आप टाइम पर लोन चुका सकते हैं.
इंस्टेंट लोन ऐप्स का इस्तेमाल करें: डिजिटल ऐप्स से बिना ज्यादा पेपरवर्क के आप तुरंत लोन अप्लाई कर सकते हैं. प्रोसेस फास्ट होता है और अप्रूवल भी जल्दी मिल सकता है.
मनीकंट्रोल जैसे प्लेटफॉर्म पर आप 50 लाख रुपए तक का पर्सनल लोन डिजिटल तरीके से ले सकते हैं. यहां प्रोसेसिंग फीस कम है, कोई पेपरवर्क नहीं है और पैसा सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. इंटरेस्ट रेट 10.5% से शुरू होता है.
टाइम पर बिल और EMI भरें : क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI सहित बिलों का समय पर भुगतान आपके स्कोर पर अच्छा प्रभाव डालता है.
क्रेडिट रिपोर्ट में गलती हो तो तुरंत ठीक कराएं : अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को रेग्युलरली चेक करें और किसी भी प्रकार की गलती मिलने पर उसे सही कराएं.
क्रेडिट कार्ड का बैलेंस कम रखें : अपने क्रेडिट यूटीलाइजेशन रेश्यो को बेहतर बनाने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड पर बैलेंस को कम करने का लक्ष्य रखें.
हर महीने नए लोन के लिए अप्लाई न करें : कम समय में कई लोन्स के लिए अप्लाई करने का आपके स्कोर पर खराब असर पड़ता है.
पुराने अकाउंट्स मैंटेन करें : पुराने क्रेडिट अकाउंट बंद न करें, क्योंकि इससे हिस्ट्री लंबी रहती है
अगर क्रेडिट स्कोर कम है तो पर्सनल लोन लेना मुश्किल जरूर है, लेकिन मुमकिन है. बस सही जानकारी, सही तरीका और थोड़ी समझदारी जरूरी है. को-एप्लिकेंट के साथ अप्लाई करें, सिक्योर लोन चुनें या डिजिटल लोन ऐप्स का सहारा लें. साथ ही धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधारने की कोशिश करते रहें, ताकि भविष्य में लोन और भी आसानी से मिल सके.
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