धनतेरस के मौके पर देशभर के बैंकों में चेक क्लियरिंग सिस्टम ठप पड़ जाने से ग्राहकों और व्यापारियों के बीच हड़कंप मच गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तकनीकी गड़बड़ी के कारण सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपये फिलहाल अटके हुए हैं। बैंकों में जमा किए गए कई चेक क्लियर नहीं हो पा रहे हैं और कुछ मामलों में बाउंस भी हो रहे हैं, जिससे ग्राहकों की चिंता बढ़ गई है।
बैंक अधिकारियों ने बताया कि यह समस्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लागू किए जा रहे नए सेम-डे चेक क्लियरेंस सिस्टम (Same-Day Cheque Clearance System) के चलते उत्पन्न हुई है। RBI ने 4 अक्टूबर 2025 से इस नए सिस्टम का पहला चरण लागू किया है, जिसमें बैंक को शाम 7 बजे तक चेक की पुष्टि करनी होती है। अगर बैंक ऐसा नहीं करता, तो चेक अपने आप क्लियर माना जाता है। यह व्यवस्था 3 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी, जिसके बाद दूसरे चरण में नियम और सख्त हो जाएंगे यानी किसी भी चेक को तीन घंटे के भीतर ही क्लीयर करना होगा
नई व्यवस्था का उद्देश्य बैंकिंग प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है ताकि ग्राहकों को भुगतान जल्दी मिल सके। लेकिन वर्तमान में सॉफ्टवेयर अपग्रेड और नेटवर्क सिंकिंग की तकनीकी खामियों की वजह से बैंकों में लेनदेन अटक गया है। कई शाखाओं में सिस्टम डाउन रहने से ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं और बैंककर्मियों पर भी दबाव बढ़ा है ।
कुछ बैंकों में तो स्थिति यह है कि ग्राहकों के खातों में पर्याप्त बैलेंस होने के बावजूद उनके चेक बाउंस हो रहे हैं। इस वजह से व्यापारियों को भुगतान देरी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि जरूरी सॉफ्टवेयर अपडेट्स जल्द पूरे किए जा रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों में प्रणाली सामान्य हो जाएगी ।
विशेषज्ञों का कहना है कि सेम-डे क्लियरिंग व्यवस्था शुरू होने के बाद बैंकिंग गति तो बढ़ेगी, लेकिन शुरुआती तकनीकी चुनौतियां फिलहाल राहत से ज्यादा परेशानी का कारण बन रही हैं। अगर सिस्टम जल्द स्थिर हो गया, तो जनवरी से पूरे देश में तीन घंटे के भीतर चेक क्लियरिंग सुविधा लागू हो जाएगी, जिससे आम ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी ।