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Income Tax Filing 2024: फॉर्म-16 क्यों जरूरी है, रिटर्न फाइल करने के लिए इसका इस्तेमाल किस तरह करना होगा?

Income Tax Filing 2024: कंपनियां हर साल अपने एंप्लॉयीज को 15 जून तक फॉर्म-16 जारी कर देती हैं। इसके बाद ही एंप्लॉयीज रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस शुरू करते हैं। इसकी वजह यह है कि सैलरीड टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म-16 आधार का काम करता है

अपडेटेड Jun 20, 2024 पर 4:27 PM
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कंपनियों के लिए अपने एंप्लॉयीज को फॉर्म-16 जारी करने की अंतिम तारीख 15 जून है।

सैलरीड एंप्लॉयीज के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म-16 जरूरी है। इसमें एंप्लॉयीज की ग्रॉस इनकम, नेट इनकम और टीडीएस की जानकारी होती है। अब एंप्लॉयीज को फॉर्म-16 मिल गया है। कंपनियों के लिए अपने एंप्लॉयीज को फॉर्म-16 जारी करने की अंतिम तारीख 15 जून है। उधर, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इसके बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाना होगा। इसलिए सैलरीड एंप्लॉयीज को अब रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस शुरू कर देना चाहिए।

रिटर्न फाइल करने के लिए ये डॉक्युमेंट हैं जरूरी

फॉर्म-16 (Form-16) के अलावा Annual Information Statement (AIS) और फॉर्म 26एएस (Form 26AS)  रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी हैं। अच्छी बात यह है कि इन तीनों डॉक्युमेंट को ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इन्हें डाउनलोड करना बहुत आसान है। एआईएस और फॉर्म 26 इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसके लिए आपको इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा।


फॉर्म-16 कैसे एक्सेस करें?

आपके एंप्लॉयर ने फॉर्म-16 आपको ईमेल से भेजा होगा या ऑफिस की वेबसाइट पर अपलोड किया होगा। आप इसे TRACES पोर्टल से भी डाउनलोड कर सकते हैं। आप खुद को साइट पर रजिस्टर करने के लिए अपने पैन को यूजर आईडी बना सकते हैं। फिर, आधार-ओटीपी आधारित ऑथेंटिकेशन का चुनाव कर सकते हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी व्यक्तिगत जानकारियां मैच कराएगा। इनमें नाम, जन्म की तारीख और जेंडर शामिल होंगे। ये सभी आपके आधार और पैन की इंफॉर्मेशन से मैच करने चाहिए। इन जानकारियों के मैच नहीं होने पर वैलिडेशन प्रोसेस आगे नहीं बढ़ेगा। जानकारियां मैच होने पर अगर वैलिडेशन सक्सेसफुल रहता है तो आपको अपने मोबाइल नंबर और ईमेल पर ओटीपी मिलेगा। उसके बाद आप संबंधित फाइनेंशियल ईयर का चुनाव कर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।

फॉर्म-16 में क्या होता है?

फॉर्म 16 के दो हिस्से होते हैं-ए और बी। ए में आपकी पर्सनल जानकारियां होती है। इनमें नाम, पता, पैन, एंप्लॉयर की डिटेल और आपकी सैलरी से काटा गया टैक्स शामिल हैं। साथ ही इसमें सरकार के पास जमा कराए गए टैक्स की भी जानकारी होती है। पार्ट बी में आपकी सैलरी का ब्रेक-अप होगा। सेक्शन 10 के अंदर एग्जेम्प्शन होगा। इनमें लीव ट्रैवल अलाउन्स और हाउस रेंट अलाउन्स शामिल हैं। साथ ही चैप्टर VI-A के तहत आने वाला डिडक्शन भी होगा।

आपको फॉर्म-16 में दी गई जानकारियों को फॉर्म 26एएस से मैच करानी होगी। आप उसे AIS से भी मैच करा सकते हैं। अगर आपको डेटा में किसी तरह का फर्क नजर आता है तो उसे आपको ठीक कराना होगा। इसके लिए आप अपने एप्लॉयर और टैक्स काटने वाली दूसरी एनटिटी से संपर्क कर सकते हैं। फॉर्म-16 में दी गई जानकारियों और आईटीआर में दी गई जानकारियों के बीच किसी तरह का फर्क होने पर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है।

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फॉर्म-16 क्यों जरूरी है?

फॉर्म-16 इसलिए जरूरी है क्योंकि यह आपके आईटीआर के लिए आधार होता है। यही वजह है कि आईटीआर फाइल करते समय आईटीआर फॉर्म में जानकारियां भरने के लिए फॉर्म 16 का इस्तेमाल होता है। यह इस बात का भी प्रूफ होता है कि आपके एंप्लॉयर ने सैलरी से टैक्स काटकर उसे आईटी डिपार्टमेंट के पास डिपॉजि करा दिया है।

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