हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।

घर खरीदते वक्त ज्यादातर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं, जो घर की कीमत का बड़ा हिस्सा कवर करता है. लेकिन डाउन पेमेंट, रजिस्ट्रेशन फीस, रिपेयर या रेनोवेशन जैसे खर्चे फिर भी जेब से देने पड़ते हैं. ऐसे में सेविंग्स निकालने के बजाय कुछ लोग पर्सनल लोन लेने का ऑप्शन देखते हैं. अब सवाल है कि अगर आपके ऊपर पहले से होम लोन चल रहा हो, तो क्या आप पर्सनल लोन भी ले सकते हैं? जवाब है हां. अगर आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत है, तो लेंडर आपको दूसरा लोन देने में हिचकिचाते नहीं हैं.
लेकिन दोनों लोन साथ लेकर चलने के लिए सही फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है. अगर मैनेजमेंट ढीला पड़ा, तो डेट ट्रैप में फंसने का खतरा बढ़ सकता है. अगर आप होम लोन के साथ-साथ पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातें जानना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
सूची
टॉप बैंकों/ NBFCs से ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं, वो भी बिना किसी कागजी प्रक्रिया के !
100% डिजिटल
तुंरत अकाउंट ट्रांसफर
कम ब्याज़ दरहोम लोन : यह एक सिक्योर लोन होता है, यानी जिस प्रॉपर्टी के लिए लोन लिया गया है, वही उसके बदले में गिरवी रखी जाती है. जब तक पूरा लोन चुकता नहीं होता, उस घर पर बैंक का क्लेम बना रहता है. इसकी वजह से होम लोन में ब्याज दर कम होती है और रीपेमेंट टेन्योर भी लंबा होता है, जिससे बड़ी रकम की EMI आसान हो जाती है.
पर्सनल लोन : यह एक अनसिक्योर लोन है. इसमें किसी तरह की गारंटी नहीं देनी होती है. इसी वजह से इसका इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है और रीपेमेंट टर्म छोटा होता है. लेकिन इसकी खास बात ये है कि पैसे जल्दी मिल जाते हैं और आप उन्हें किसी भी जरूरत में इस्तेमाल कर सकते हैं.
गिरवी : होम लोन में प्रॉपर्टी को गिरवी रखना होता है, पर्सनल लोन में नहीं.
इंटरेस्ट रेट : होम लोन का इंटरेस्ट कम होता है, पर्सनल लोन का ज्यादा.
रीपेमेंट टर्म : होम लोन का टेन्योर 20-30 साल तक जा सकता है, पर्सनल लोन 1-5 साल में निपटाना होता है.
लोन अमाउंट : होम लोन से बड़ी रकम मिलती है, पर्सनल लोन छोटे खर्चों के लिए सही रहता है.
हां, अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है और EMI टाइम पर भरते रहे हैं, तो लेंडर दूसरा लोन भी देने को तैयार रहते हैं. कई बार दोनों लोन एक साथ भी अप्रूव हो जाते हैं, बस आपकी रीपेमेंट कैपेसिटी मजबूत होनी चाहिए.
₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं
क्रेडिट स्कोर अच्छा रखें : अगर आपका स्कोर 700 या उससे ऊपर है, तो लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है. आप मनीकंट्रोल की वेबसाइट या ऐप पर अपना फ्री क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट चेक कर सकते हैं.
डेट-टू-इनकम रेशियो कंट्रोल में रखें : आपकी मंथली इनकम का 50% से ज्यादा हिस्सा EMI में नहीं जाना चाहिए. इससे लेंडर को भरोसा रहता है कि आप अपनी फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को आसानी से निभा सकते हैं.
EMI की प्लानिंग सोच-समझकर करें : दो EMI एक साथ मैनेज करना आसान नहीं होता. इसलिए लोन टेन्योर और EMI अमाउंट ऐसे रखें जो आपकी जेब पर भारी न पड़े.
जॉइंट लोन पर भी करें विचार : अगर आप पर्सनल लोन के लिए अपने पार्टनर या फैमिली मेंबर के साथ जॉइंट अप्लाई करते हैं, तो इनकम का टोटल बढ़ता है, जिससे लेंडर को भरोसा मिलता है और अप्रूवल मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
फाइनेंशियल कंडीशन का रियलिटी चेक करें : दोनों लोन लेने से पहले ये देखना जरूरी है कि आपकी मंथली इनकम और खर्चों में बैलेंस बना हुआ है या नहीं. आप EMI कैलकुलेटर की मदद से अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी EMI आपको हर महीने भरनी होगी और क्या वो आपके बजट में फिट बैठेगी.
अगर आप एक साथ होम लोन और पर्सनल लोन मैनेज कर पाते हैं, तो इससे आप अपनी अलग-अलग जरूरतें पूरी कर सकते हैं, जैसे घर खरीदना और उसकी सजावट या बाकी खर्चे.
साथ ही अगर दोनों लोन टाइम पर चुकाते हैं तो इससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल स्ट्रॉन्ग होती है, जो आगे चलकर किसी और फाइनेंशियल प्लान में मददगार साबित हो सकती है.
मनीकंट्रोल ने 8 लेंडर्स के साथ मिलकर 100% डिजिटल इंस्टेंट लोन की सुविधा शुरू की है, जिसमें बिना पेपरवर्क के सिर्फ कुछ स्टेप्स में आपको 50 लाख रुपए तक का पर्सनल लोन मिल सकता है. प्रोसेसिंग फीस कम है, पैसा तुरंत मिल जाता है और इंटरेस्ट रेट 10.5% से शुरू होता है. बस आपको अपनी डिटेल्स भरनी हैं, KYC पूरी करनी है और EMI सेट करनी है.
Top बैंकों/ NBFCs से
तक का इंस्टेंट लोन पाएं
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।