लाइफबॉय, डव, हॉर्लिक्स और किसान जैम... HUL ने अपने कई पॉपुलर प्रोडक्ट्स के घटाए दाम

दिग्गज FMCG कंपनी HUL ने अपने कई प्रोडक्ट्स के दाम घटाए हैं। इसका मकसद GST रेट कट का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना है। हालांकि, कई कंपनियां छोटे पैक का दाम घटाने में हिचक रही हैं। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Sep 13, 2025 पर 2:38 PM
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HUL के मुताबिक, डव शैम्पू (340 ml) अब ₹490 की जगह ₹435 में मिलेगा।

दिग्गज FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने अपने कई मशहूर प्रोडक्ट्स के दाम घटा दिए हैं। इनमें डव (Dove) शैम्पू, हॉर्लिक्स (Horlicks), किसान (Kissan) जैम और लाइफबॉय (Lifebuoy) साबुन के दाम घटा दिए हैं। नई कीमतें 22 सितंबर से लागू होंगी।

किन प्रोडक्ट्स के दाम घटे

HUL के विज्ञापन के मुताबिक, डव शैम्पू (340 ml) अब ₹490 की जगह ₹435 में मिलेगा। हॉर्लिक्स (200 gm) की कीमत ₹130 से घटकर ₹110 हो गई है। किसान जैम (200 gm) अब ₹90 की बजाय ₹80 में मिलेगा। वहीं, लाइफबॉय साबुन (75 gm × 4 पैक) ₹68 से घटकर ₹60 हो गया है।


HUL का कहना है कि नई कीमतों वाले पैक धीरे-धीरे बाजार में पहुंच रहे हैं। यह फैसला सरकार के उस नियम के बाद लिया गया है, जिसमें कंपनियों को कीमतों में बदलाव की जानकारी अखबारों में देनी जरूरी है।

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छोटे पैक के दाम नहीं घटेंगे?

कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनियों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) को साफ कर दिया है कि वे छोटे दाम वाले प्रोडक्ट्स की कीमत जीएसटी कटौती के बाद कम नहीं कर पाएंगी। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ताओं के लिए खरीदना उलझन भरा हो जाएगा। कंपनियों ने इसके बजाय पैक का साइज बढ़ाने का सुझाव दिया है।

छोटे पैक का दाम क्यों नहीं बदलेगा

बिस्किट, साबुन और टूथपेस्ट जैसी रोजमर्रा की चीजें अक्सर 5, 10 और 20 रुपये में बिकती हैं। कंपनियों का कहना है कि इन प्राइस पॉइंट्स से नीचे जाना भारतीय बाजार में मुश्किल होगा। उदाहरण के तौर पर, 20 रुपये का बिस्किट पैक अभी तक 18% जीएसटी के साथ आता था। 22 सितंबर के बाद इस पर जीएसटी घटकर 5% हो जाएगा और पैक की कीमत घटकर 17.80 या 18 रुपये हो जाएगी।

एक FMCG कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव्स ने बताया, 'भारतीय उपभोक्ता 5, 10 और 20 रुपये की कीमत पर प्रोडक्ट खरीदने का आदी है। हम इस स्ट्रक्चर को बिगाड़ना नहीं चाहते।' उन्होंने कहा कि अब कंपनियां पैक का साइज बढ़ाकर ही फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगी। यानी, 20 रुपये वाले पैक का वजन बढ़ जाएगा।

इंपल्स पैक और कंपनियों की स्ट्रैटेजी

बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के CFO ऋषभ जैन ने कहा कि नई दरों के बाद कंपनी 'इंपल्स पैक' का वजन बढ़ाएगी। इंपल्स पैक वह होता है, जिसे देखकर उपभोक्ता अचानक बिना सोचे-समझे खरीद लेता है।

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कंपनियों पर रहेगी सरकार की नजर

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार जल्द ही गाइडलाइन ला सकती है, ताकि कंपनियां 'अनजाने में मुनाफाखोरी' न करें। वहीं, डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने भरोसा जताया कि कंपनियां GST कटौती का फायदा जरूर ग्राहकों तक पहुंचाएंगी, जिससे खपत में इजाफा हो।

कीमतों में बदलाव की जरूरत क्यों

पिछले हफ्ते हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग में टैक्स सिस्टम को आसान करने के लिए बड़े बदलाव किए गए। अब स्टैंडर्ड रेट 18% और मेरिट रेट 5% होगी। कुछ चुनिंदा सामान और सेवाओं पर 40% डी-मेरिट रेट भी लगेगी। ज्यादातर रोजमर्रा के सामान अब 5% टैक्स स्लैब में आ गए हैं। सरकार का निर्देश है कि कंपनी टैक्स रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं।

अब सरकार आगे क्या करेगी?

फिलहाल कंपनियों की मुनाफाखोरी पर नजर रखने का कोई तय सिस्टम नहीं है, लेकिन सरकार जरूरत पड़ने पर नया मैकेनिज्म ला सकती है। बीसीजी के एमडी नमित पुरित का मानना है कि दामों में बड़ा बदलाव नहीं होगा। कंपनियां ज्यादातर पैक साइज बढ़ाकर ही उपभोक्ताओं को फायदा देंगी। उनके मुताबिक, '₹5 और ₹10 वाले प्राइस पॉइंट पर ग्राहकों को ज्यादा मात्रा मिलेगी।'

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 13, 2025 2:38 PM

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