RBI: अगर आप SBI, HDFC या ICICI Bank के ग्राहक हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। RBI ने एक बार फिर कहा है कि इन तीनों बैंकों को सरकार और RBI डूबने नहीं देंगे। यह तीनों बैंक इतने बड़े और जरूरी हैं कि अगर इनमें से कोई भी डगमगाए, तो देश की पूरी अर्थव्यवस्था हिल सकती है। इसलिए इन्हें बैंकिंग सिस्टम के VIP बैंक यानी Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs) का दर्जा मिला है। यानी यह वो बैंक हैं जिन्हें RBI किसी भी हाल में गिरने नहीं देगा।
RBI के नियम के मुताबिक इन बैंकों को दूसरे बैंकों की तुलना में ज्यादा पूंजी (capital) रखनी होती है। इसे Common Equity Tier 1 (CET1) कहते हैं, जो किसी भी मुश्किल समय में बैंक को सेफ रखता है। जितना बड़ा बैंक उतना ही ज्यादा CET1 उसे रखना पड़ता है।
RBI ने पहली बार 2014 में D-SIB का कांसेप्ट लाया था।
2015 में सबसे पहले SBI इस लिस्ट में शामिल हुआ।
2016 में ICICI Bank जुड़ा।
2017 में HDFC Bank को जोड़ा गया।
तब से इन बैंकों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है।
कितना एक्स्ट्रा कैपिटल रखना पड़ेगा?
RBI हर बैंक को उसकी साइज और महत्त्व के हिसाब से अलग बकेट में रखता है।
SBI - Bucket 4 - सबसे ज्यादा 0.80% एक्स्ट्रा CET1 रखना होगा
HDFC Bank - Bucket 2 - 0.40% एक्स्ट्रा CET1
ICICI Bank - Bucket 1 - 0.20% एक्स्ट्रा CET1
ये नियम 1 अप्रैल 2027 से लागू हो जाएंगे।
इसका मतलब आम लोगों के लिए क्या है?
इसका सीधा मतलब है कि ये बैंक और ज्यादा सेफ माने जाते हैं। इनके पास इतना एक्स्ट्रा कैपिटल होगा कि बड़े से बड़ा आर्थिक झटका भी ये संभाल सकते हैं। और अगर कभी बड़ी परेशानी आती भी है, तो सरकार और RBI इन बैंकों को गिरने नहीं देंगे।