हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों की लड़ाई में अब मुकदमेबाजी की तैयारी है। अहमदाबाद हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन ने फैसला किया है कि इलाज के बाद अगर मरीज को पूरा क्लेम नहीं मिलता तो एसोसिएशन बीमा कंपनी के खिलाफ कोर्ट जाएगा। 1200 से ज़्यादा अस्पतालों का समूह “अहमदाबाद हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन” यानी आहना (AHNA) ने मरीज़ो के लिए अनोखी सेवा शुरू की है। इन अस्पताल में इलाज के बाद पूरा पैसा बीमा कंपनी नहीं देती ही तो ऑनलाइन या ऑफलाइन एक पन्ने का फॉर्म भर दीजिए। मरीज़ो को बाकी रकम दिलाने तक का सारा काम आहना करेगा।
IRDA से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023-24 में सभी प्रकार के बीमा रिजेक्शन, या अधूरा पेमेंट जैसे केस में ग्राहको की हजारों करोड़ की रकम बीमा कंपनी के पास अभी भी पेंडिंग है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लगभग 55 करोड़ लोग किसी न किसी प्रकार से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को यूज करते हैं। इनमें सरकारी से लेकर गैर सरकारी और सभी प्रकार के निजी पॉलिसी धारक शामिल हैं।
AHNA के VP डॉ वीरेन शाह ने कहा कि हम मरीज़ों के लिए बीमा कंपनी के ख़िलाफ़ ग्राहक सुरक्षा कोर्ट और वहां न्याय न मिले तो सिविल कोर्ट तक केस लड़ेंगे। ग्राहक सुरक्षा फाउंडेशन के सेक्रेटरी बलदेव वाघेला ने कहा कि ग्राहको के हित में हर कदम का हम स्वागत करते है। हमारे पास जितने केस आते हैं उनके 80 फीसदी केस बीमा कंपनी और अस्पताल के ख़िलाफ़ होते हैं।
बीमा कंपनियों और अस्पतालों के बीच ये जंग तेज होती दिख रही है, और कोई रास्ता निकलने से पहले सबसे ज्यादा परेशानी कंज्यूमर के हिस्से आती है। इन समस्याओं का हल तभी निकलेगा जब सरकार और रेगुलेटरी अथॉरिटी इस पर सख्त नियम बनाएं। अस्पतालों को पारदर्शी बिलिंग करनी होगी। इंश्योरेंस कंपनियों को तय समय सीमा के अंदर पेमेंट क्लियर करना होगा। मरीजों को शिकायत करने और तुरंत समाधान पाने के लिए हेल्पलाइन और आसान पोर्टल उपलब्ध कराए जाएं।