Income Tax Return ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए 15 सितंबर 2025 है। जैसे-जैसे डेडलाइन नजदीक आ रही है, लाखों सैलरी कर्मचारी, फ्रीलांसर, प्रोफेशनल्स और बिजनेस टैक्स रिटर्न फाइल करने में जुटे हुए हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर आप 15 सितंबर तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते तो क्या होगा?
लेट आईटीआर फाइल करने पर लगता है जुर्माना
इनकम टैक्स विभाग देर से रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना लगाता है। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 234F के तहत यह लेट फीस आपकी इनकम के आधार पर तय होती है। अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। वहीं 5 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए यह लेट फीस अधिकतम 1,000 रुपये है। जिनकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से नीचे है, उन पर जुर्माना नहीं लगेगा। लेकिन अगर आपको अन्य सोर्स जैसे विदेशी इनकम की वजह से रिटर्न भरना जरूरी है और आप समय पर नहीं करते, तो मुश्किल में पड़ सकते हैं।
अगर आपके ऊपर कोई टैक्स बकाया है और आपने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया, तो उस पर भी एक्स्ट्रा बोझ पड़ेगा। धारा 234A के तहत हर महीने या महीने के हिस्से पर 1% ब्याज देना होगा। यानी जुर्माने के साथ-साथ यह ब्याज आपकी जेब पर और बोझ डालेगा।
कई बार लोग इस नियम को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह काफी अहम है। अगर आपको बिजनेस में या शेयर बाजार जैसी जगहों पर कैपिटल लॉस हुआ है और आपने समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया, तो आप इस नुकसान को आगे आने वाले सालों में एडजस्ट नहीं कर पाएंगे। यानी अगले साल अगर मुनाफा हुआ तो आप पुराने घाटे को घटाकर टैक्स बचाने का फायदा खो देंगे।
रिफंड में देरी और सख्त कार्रवाई का खतरा
अगर आपके टैक्स से ज्यादा पैसा कट गया है और आपको रिफंड मिलना है, तो लेट फाइलिंग से वह भी देर से मिलेगा। जितनी देर से रिटर्न फाइल करेंगे, उतनी ही देर से पैसा खाते में आएगा। वहीं अगर कोई जानबूझकर रिटर्न दाखिल नहीं करता, तो इनकम टैक्स विभाग मुकदमा कर सकता है। ऐसे मामलों में कानून में 3 महीने से 2 साल तक की जेल की सजा का भी प्रावधान है। हालांकि, यह केवल हाई-इनकम, ब्लैक मनी या धोखाधड़ी वाले मामलों में ही लागू होता है।
क्या डेडलाइन के बाद भी रिटर्न भर सकते हैं?
हां, आप 31 दिसंबर 2025 तक बेलटेड रिटर्न भर सकते हैं, लेकिन इसके साथ जुर्माने और नुकसान भी झेलने पड़ेंगे। सरकार फिलहाल इस बार डेडलाइन बढ़ाने के मूड में नहीं है, जब तक कोई बड़ा तकनीकी मुद्दा न हो।