15 अक्टूबर तक बढ़ेगी ITR फाइल करने की तारीख? आईटीआर-टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाने की मांग हुई तेज

ITR: देशभर के टैक्सपेयर्स और चार्टेड अकाउंटेंट्स को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और टैक्स ऑडिट फाइल करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। एसोसिएशन मांग कर रही हैं कि आईटीआर फाइल करने की तारीख 15 सितंबर से आगे बढ़ाकर 15 अक्टूबर किया जाना चाहिए

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 4:15 PM
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देशभर के टैक्सपेयर्स और चार्टेड अकाउंटेंट्स को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और टैक्स ऑडिट फाइल करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं।

ITR: देशभर के टैक्सपेयर्स और चार्टेड अकाउंटेंट्स को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और टैक्स ऑडिट फाइल करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। एसोसिएशन मांग कर रही हैं कि आईटीआर फाइल करने की तारीख 15 सितंबर से आगे बढ़ाकर 15 अक्टूबर किया जाना चाहिए। अभी आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। ITR पोर्टल पर लगातार तकनीकी दिक्कतें, देर से जारी हुए फॉर्म्स और ओवरलैप होती कॉम्प्लायंस डेट्स के कारण टैक्सपेयर्स और चार्टेड अकाउंटेंट्स दोनों परेशान है। इसी वजह से कर्नाटक स्टेट चार्टेर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), ICAI की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (CIRC) और एडवोकेट्स टैक्स बार एसोसिएशन (ATBA) ने फाइनेंस मिनिस्टर को रिप्रेजेंटेशन भेजकर डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है।

ATBA की मांग

ATBA ने कहा है कि नॉन-ऑडिट ITR फाइल करने की डेडलाइन 15 अक्टूबर 2025 और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करने की डेडलाइन 30 नवंबर 2025 होनी चाहिए। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट भी कई बार कह चुका है कि टाइमलाइन का मकसद न्याय को आगे बढ़ाना है, न कि टैक्सपेयर्स को पेनाल्टी से परेशान करना।


ATBA के नेशनल जनरल सेक्रेटरी ओम कुमार ने बताया कि हाल ही में वित्त मंत्री को दिए गए रिप्रेजेंटेशन में कई मुश्किलें बताई गई हैं। इसमें कई कारण बताए गए हैं जिसमें देश के कई हिस्सों में आई बाढ़ से सामान्य जीवन और कामकाज ठप होना भी बड़ा कारण है। ITR यूटिलिटी फॉर्म देर से आना, पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियां और फेस्टिव सीजन में कंप्लायंस का बोझ और बढ़ गया है। इसके कारण डेडलाइन आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है।

KSCAA का कहना

KSCAA ने 10 सितंबर 2025 को भेजे अपने रिप्रेजेंटेशन में लिखा है कि ITR-5, ITR-6, ITR-7 और कई ऑडिट फॉर्म्स जुलाई-अगस्त में ही जारी हुए। जबकि, इन्हें 1 अप्रैल तक आ जाना चाहिए था। इससे टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को बहुत कम समय मिला।

AIS डेटा में गड़बड़ी, शेयर और सिक्योरिटीज की गलत एंट्री।

TDS गलत हेड के नीचे दिखना।

CGAS डिटेल्स की गलत रिक्वायरमेंट।

पोर्टल डाउन होना और एरर मैसेज।

इसके अलावा जुलाई से अक्टूबर के बीच GST, MCA और टैक्स ऑडिट जैसी कई फाइलिंग डेडलाइन एक साथ आती हैं। ऊपर से छुट्टियां और मौसम की दिक्कतें भी कामकाज को और मुश्किल बना रही हैं। ICAI की CIRC ने भी कहा है कि टैक्स प्रोफेशनल्स और टैक्सपेयर्स पर बहुत दबाव है। ITR फॉर्म्स देर से आने और पोर्टल की दिक्कतों की वजह से टैक्स ऑडिट रिपोर्ट 30 सितंबर तक फाइल करना मुश्किल है।

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First Published: Sep 11, 2025 4:09 PM

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