क्या किसी शेयर को खरीदने और बेचने के गलत फैसले के लिए म्यूचुअल फंड मैनेजर को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?

SEBI ने पिछले हफ्ते एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया। जांच के बाद यह पाया गया कि तीन शेयरों में निवेश के फैसले लेने में म्यूचुअल फंड हाउस ने तय नियमों का पालन नहीं किया था। इस वजह से उसे करोड़ों रुपये का लॉस उठाना पड़ा था

अपडेटेड Jul 31, 2024 पर 3:47 PM
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सेबी ने 3 स्टॉक्स में करीब 42.02 करोड़ रुपये के लॉस के बाद एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) पर यह जुर्माना लगाया है।

किसी म्यूचुअल फंड हाउस को क्या निवेश के गलत फैसलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? सेबी के एक आदेश को देखने पर इस सवाल का जवाब हां है। सेबी ने 3 स्टॉक्स में करीब 42.02 करोड़ रुपये के लॉस के बाद एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) को यह आदेश दिया है। पहले इस फंड हाउस का नाम एलएंडटी इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट था। पिछले हफ्ते सेबी ने एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पहली जांच में फंड हाउस को बरी कर दिया गया था

SEBI ने यह पाया था कि एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट (HSBC Asset Management) ने नियम का उल्लंघन किया था। उसने निवेश के फैसले लेने में तय नियम का पालन नहीं किया था और नियम के मुताबिक उसने रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं किए। पहले इसी मामले में 23 अगस्त, 2023 को एडजुडिकेटिंग अफसर (AO) ने इस फंड हाउस को आरोपों से बरी करते हुए मामले का निपटारा कर दिया था। सेबी ने नवंबर 2023 में दोबारा इस मामले को ओपन किया। उसने नया आदेश सुनाना। उसने यह भी कहा कि एओ का आदेश गलत था और सिक्योरिटी मार्केट के हित के लिहाज से पूर्वाग्रह से ग्रसित था।


सेबी ने मामले की दोबारा जांच की

दरअसल सेबी ने 1 अप्रैल, 2029 से 31 मार्च, 2021 के बीच L&T Mutual Fund की जांच के लिए एक ऑडिटर नियुक्त किया था। ऑडिटर ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई, 2022 को सौंप दी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर सेबी ने पाया था कि एलएंडटी म्यूचुअल फंड ने म्यूचुअल फंड्स के जुड़े नियमों का उल्लंघन किया है। इस बीच एलएंडटी म्यूचुअस फंड को एचएसबीसी ग्रुप ने 17 मई, 2023 को खरीद लिया। फिर, सेबी ने दोबारा इस मामले को ओपन किया। उसके बाद एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के खिलाफ सेबी ने अपना फैसला सुनाया है।

फंड हाउस ने निवेश के तय नियमों का पालन नहीं किया था

जांच में यह पाया गया कि एचएसबीसी म्यूचुअल फंड ने सेबी के नियम के मुताबिक निवेश के अपने फैसले को रिकॉर्ड नहीं किया था। वह स्टॉक्स में निवेश के हिसाब से तथ्य, राय और डेटा जैसे रिकॉर्ड को मेंटेन करने में भी नाकाम रहा। यह भी पाया गया कि फंड हाउस ने शेयरों को पहले खरीदने और फिर बेचने और दोबारा खरीदने की वजह नहीं पता पाया। इसके अलावा फंड मैनेजर यह सुनिश्चित करने में नाकाम रहा कि निवेश के फैसले लेने में ड्यू डिलिजेंस का पालन किया गया।

किन कंपनियों के शेयरों में फंड हाउस ने की थी खरीदफरोख्त?

एलएंडटी ने तीन कंपनियों के स्टॉक्स में खरीदफरोख्त की, जिससे उससे नुकसान उठाना पड़ा। सदभाव इंजीनियरिंग में 25 अप्रैल, 2019 से 8 मई, 2019 के बीच 17.73 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। बाद में सभी शेयर 23 अप्रैल, 2020 को बेच दिए गया। इस पर म्यूचुअल फंड हाउस को 14.97 करोड़ रुपये का लॉस हुआ।

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7 अगस्त, 2020 को फंड हाउस ने हिंदुस्तान जिंक के 16.28 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। उन्हें 14-17 सितंबर के बीच बेच दिया गया, जिस पर 1.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 4 दिसंबर, 2019 को फंड हाउस की एक स्कीम ने 61.59 करोड़ रुपये का निवेश किया। 44 और 77 दिनों के बाद इन शेयरों को 4.51 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेच दिया गया। इस पर म्यूचुअल फंड हाउस के 25.43 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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