एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एंफी) के मुताबिक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने FY24 में न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से 66,000 करोड़ रुपये जुटाए। एक साल पहले 62,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। आम तौर पर एक फंड हाउस अपना प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बढ़ाने के लिए एनएफओ लॉन्च करता है। म्यूचुअल फंड के एनएफओ को लेकर कई इनवेस्टर्स कनफ्यूज हो जाते हैं। उन्हें यह कंपनियों के आईपीओ जैसा लगता है। लेकिन, एनएफओ और आईपीओ अलग-अलग चीजें हैं। आइए एनएफओ से जुड़ी जरूरी बाते जानते हैं।
एनएफओ (NFO) के साथ म्यूचुअल फंड हाउस कोई नई स्कीम पेश करता है। इसमें निवेशक को कम नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है। इस वजह से हर निवेश अमाउंट पर उसे ज्यादा यूनिट्स एलॉट होती हैं। एनएफओ किसी नई स्ट्रेटेजी या थीम पर आधारित होता है। इसलिए इसके जरिए निवेशक को उस स्ट्रेटेजी के हिसाब से निवेश करने का मौका मिलता है। आखिर में यह निवेशक के पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में हेल्प करता है।
इसकी एनएवी 10 रुपये क्यों होती है?
आम तौर पर एसेट मैनेजमेंट कंपनियां नई स्कीम 10 रुपये की एनएवी पर लॉन्च करती हैं। लॉन्चिंग के बाद स्कीम के प्रदर्शन के हिसाब से उसकी एनएवी बढ़ती या घटती है। उदाहरण के लिए हम UTI Nifty 50 इंडेक्स फंड के रेगुलर प्लान की बात करते हैं। हमने इसके ग्रोथ ऑप्शन को सेलेक्ट किया है। 31 मई, 2024 को इसकी एनएवी 1.55.02 रुपये थी। यह फंड 6 मार्च, 2000 को लॉन्च हुआ था। तब इसकी एनएवी 10 रुपये थी। इस तरह बीते 24 साल में इस स्कीम का औसत सालाना रिटर्न करीब 12.19 फीसदी रहा है।
क्या एनएनएवी बढ़ती-घटती रहती है?
इस स्कीम की एनएवी इसके बेहतर प्रदर्शन पर बढ़ती गई है। इसलिए अगर किसी नई स्कीम की एनएवी 10 रुपये है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह दूसरी स्कीम के मुकाबले सस्ती है। इसकी असल वजह यह है कि अभी उसने प्रदर्शन करना शुरू नहीं किया है, इसलिए उसकी एनएवी 10 रुपये है। इसलिए अगर आप किसी एनएफओ में निवेश करते हैं तो यह नहीं समझे की उसकी 10 रुपये की एनएवी दूसरी स्कीमों के मुकाबले अट्रैक्टिव है।
क्या कम एनएवी पर निवेश करने में फायदा है?
अगर किसी स्कीम की एनएवी कम है तो आपको उसमें निवेश करने पर ज्यादा यूनिट्स मिलेंगी। अगर किसी स्कीम की एनएवी ज्यादा है तो उसमें निवेश करने पर कम यूनिट्स मिलेंगी। इसलिए यह सोच सही नहीं है कि किसी एनएफओ में निवेश करने पर ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं। अगर किसी अच्छे प्रदर्शन वाली स्कीम में निवेश करने पर आपको कम यूनिट्स मिलती है तो भी वह आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। निवेश के कुछ समय बाद उसकी एनएवी और बढ़ सकती है। इसकी वजह यह है कि उस स्कीम के प्रदर्शन के बारे में आपको पता है। लेकिन, किसी एनएफओ में उस स्कीम के प्रदर्शन के बारे में पता नहीं होता है।
यह भी पढ़ें: ITR Filing 2024: आईटीआर फाइलिंग के लिए कैसे करें सही फॉर्म का चुनाव?
इसलिए सिर्फ सस्ते भाव पर यूनिट्स खरीदने की कोशिश में आपको एनएफओ में निवेश नहीं करना चाहिए। आप एनएफओ में तभी निवेश करें जब आपको स्कीम की बाकी चीजें सही लग रही हैं। जैसे अगर आप किसी खास सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं तो उस सेक्टर पर आधारित कोई एनएफओ आता है तो आप उसमें निवेश कर सकते हैं।