नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (NHCX) अगले 15-20 दिन में ऑपरेशनल हो सकता है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) की चीफ एग्जिक्यूटिव अफसर दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने यह जानकारी दी। एनएचसीएक्स एक डिजिटल हेल्थ क्लेम प्लेटफॉर्म है। गौड़ ने इसके बारे में मुंबई में एक प्रोग्राम में बताते हुए कहा कि नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज से बड़ा बदलाव आने वाला है। इस बारे में बीमा नियामक IRDAI हमारी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह तैयार हो चुका है। हम 15-20 दिन में इसे लॉन्च कर सकते हैं।
पॉलिसीहोल्डर्स के क्लेम का जल्द होगा निपटारा
मुखर्जी ने कहा कि एनएचसीएक्स सभी के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने बीमा कंपनियों को इसका हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया। IRDAI ने जून 2023 में बीमा कंपनियों को इसका हिस्सा बनने को कहा था। एनएचसीएक्स को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म से पॉलिसीहोल्डर्स के क्लेम का जल्द निपटारा हो सकेगा। साथ ही इससे इंश्योरेंस कंपनियों की कॉस्ट में भी कमी आएगी। यह बीमा कंपनियों के बीच क्लेम से संबंधित जानकारियों के एक्सचेंज में भी मददगार होगा। दावा करने वाले, लाभार्थी और रेगुलेटर्स को भी इसके जरिए जानकारियां मिल सकेंगी।
इंश्योरेंस कंपनियों को अंडरराइटिंग में मिलेगी मदद
पिछले साल मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में आईआरडीएआई चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा था कि इस प्लेटफॉर्म से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का जल्द सेटलमेंट होगा। साथ ही अंडरराइटिंग में भी मदद मिलेगी। जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाय के उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल उन लोगों के लिए इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स तैयार करने के लिए कर सकेंगी, जो अब तक इंश्योरेंस के दायरे से बाहर हैं।
सरकार की पहल का फायदा उठा सकती हैं बीमा कंपनियां
मुखर्जी ने कहा कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा बीमा के दायरे से बाहर हैं। हम सभी इस बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि हम जिन गुड प्रैक्टिसेज की शुरुआत कर रहे हैं उनका इस्तेमाल हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स कर सकते हैं। वे ऐसे लोगों के लिए प्रोडक्ट्स पेश कर सकते हैं जो बीमा के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रीटमेंट पैकेज और कॉस्ट का स्डैंर्डड तय करने की कोशिश कर रही है। इसका हेल्थकेयर इकोसिस्टम पर अच्छा असर पड़ेगा।