इस वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन की ग्रोथ के मामले में एनबीएफसी ने बैंकों को काफी पीछे छोड़ दिया। आरबीआई ने एनबीएफसी को बैंकों से मिलने वाले लोन से जुड़े नियमों में ढील दी थी। यह दिसंबर तिमाही में एनबीएफसी के अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन की ज्यादा ग्रोथ की वजह हो सकती है। आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने, मौद्रिक नीति को उदार बनाने और लिक्विडिटी बढ़ाने के उपायों का भी इसमें हाथ हो सकता है।
एनबीएफसी की पर्सनल लोन बुक में तेज उछाल
ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के डेटा के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में NBFC की पर्सनल लोन बुक की ग्रोथ 37 फीसदी रही। इसके मुकाबले बैंकों सहित पूरे सिस्टम की ग्रोथ सिर्फ 16 फीसदी रही। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर तिमाही में एनबीएफसी का अनसिक्योर्ड लोन 2.6 गुना बढ़ा, जबकि सिस्टम का सिर्फ 1.8 गुना बढ़ा। इससे सिस्टम-लेवल पीएल पोर्टफोलियो में एनबीएफसी की हिस्सेदारी बढ़ी है।
चौथी तिमाही में भी पर्सनल लोन में तेज ग्रोथ दिख सकती है
एनबीएफसी के अनसिक्योर्ड लोन बुक में तेज उछाल चिंता की वजह बन सकता है। इससे पहले ऐसा होने पर RBI ने बैंकों से एनबीएफसी को मिलने वाले लोन के लिए रिस्क वेट बढ़ा दिया था। एनालिस्ट्स का कहना है कि अनसिक्योर्ड लोन में उछाल चौथी तिमाही में भी जारी है। आरबीआई ने फरवरी में एनबीएफसी को बैकों से मिलने वाले लोन के लिए रिस्क वेट घटाकार फिर से पहले जितना किया था। इससे एनबीएफसी की फंड की कॉस्ट घट गई थी।
आरबीआई रिस्क वेट घटाने का संकेत दे चुका है
आरबीआई यह संकेत दे चुका है कि अगर उसे लगता है कि एसेट क्वालिटी सामान्य लेवल पर आ गई है तो वह अनसिक्योर्ड लोन पर भी रिस्क वेट को पहले के लेवल पर ला सकता है। सवाल है कि क्या माइक्रोप्रूडेंशियल मानकों में नरमी के अपने फैसले पर आरबीआई को अफसोस होगा? रिस्क वेट को पहले के स्तर पर लाने के बाद एनबीएफसी ने अनसिक्योर्ड लोन देने में आक्रामक रुख दिखाया है। एनबीएफसी से उन ग्राहकों को भी लोन मिल जाता है, जिनकी फाइनेंशियल हिस्ट्री कमजोर होती है।
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50,000 से कम अमाउंट के पर्सनल लोन में ज्यादा उछाल
एनालिस्ट्स ने बताया है कि एक बार फिर से 50,000 रुपये से कम साइज के लोन में उछाल दिखा है। इससे पहले इस साइज के लोन में दबाव दिखने पर आरबीआई ने सख्त कदम उठाए थे। इस कैटेगरी के लोन में एनबीएफसी काफी आगे हैं। हालांकि, एनालिस्ट्स ने यह भी कहा है कि बॉरोअर्स के प्रोफाइल में इम्प्रूवमेंट आया है और लेंडर्स भी ज्यादा अनुशासित हो गए हैं। हालांकि, FY25 की पहली छमाही में पर्सनल लोन में डेलीक्वेंसी रेट्स एनबीएफसी और बैंकों के लिए अच्छा नहीं है।