NPS के पेंशनर्स को अपना एन्युटी प्लान पोर्ट कराने की सुविधा मिल सकती है। इस बारे में PFRDA ने IRDAI से बातचीत की है। पीएफआरडीए पेंशन फंड का रेगुलेटर है। आईआरडीएआई इंश्योरेंस क्षेत्र का रेगुलेटर है। चूंकि एन्युटी प्लान लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां ऑफर करती हैं, इसलिए इसके लिए IRDAI की मंजूरी जरूरी है।
अगर PFRDA का यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो इससे एनपीएस पेंशनर्स को फायदा होगा। अगर कोई पेंशनर्स अपने करेंट एन्युटी प्लान के इंटरेस्ट रेट से खुश नहीं है तो वह किसी दूसरी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाले एन्युटी प्लान का फायदा उठाने के लिए अपना प्लान पोर्ट करा सकेगा।
PFRDA चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने इस बारे में कहा, "हमने पोर्टबिलिटी के लिए IRDAI और सर्विस प्रोवाइडर्स से बातचीत की है।" कुछ साल पहले IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट कराने की इजाजत दी थी।
एनपीएस के सब्सक्राइबर को स्कीम की मैच्योरिटी पर अपने कुल एनपीएस फंड के 40 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल एन्युटी (पेंशन प्लान) खरीदने के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है। बाकी 60 फीसदी हिस्से को एकमुश्त निकाला जा सकता है। अगर एनपीएस फंड में जमा कुल अमाउंट 5 लाख रुपये या इससे कम है तो सब्सक्राइबर मैच्योरिटी पर पूरा पैसा एकमुश्त निकाल सकता है।
तय समय से पहले यानी 60 साल की उम्र से पहले सब्सक्राइबर एनपीएस से पैसा निकालना चाहता है तो उसे अपने एनपीएस फंड में जमा कुल अमाउंट के 80 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल किसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एन्युटी प्लान खरीदने के लिए करना होगा। सिर्फ 20 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकालने की इजाजत होगी।
अगर तय समय से पहले पैसे निकालने की स्थिति में एनपीएस फंड में जमा कुल रकम 2.5 लाख रुपये या इससे कम है तो सब्सक्राइबर को पूरा पैसा निकालने की इजाजत होगी। इसका मतलब यह है कि उसके लिए एन्युटी प्लान खरीदना जरूरी नहीं होगा।
पेंशनर्स को रिटायरमेंट (60 साल उम्र) के बाद एन्युटी प्लान से रेगुलर इनकम होती है। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां एन्युटी प्लान ऑफर करती हैं। पेंशनर्स एन्युटी प्लान में एकमुश्त अमाउंट इनवेस्ट करता है जिससे उसे हर महीने या हर तिमाही पेंशन के रूप में निश्चित रकम मिलती रहती है।
कोई एनपीएस सब्सक्राइबर PFRDA के पैनल में शामिल 14 कंपनियों से ही एन्युटी प्लान खरीद सकता है। इनमें LIC, SBI Life Insurance, HDFC Life Insurance आदि शामिल हैं।