नवनीत सिंघल 48 साल के हैं। वह एक आईटी कंपनी में नौकरी करते हैं। उनका काफी जोर सेविंग्स पर रहा है। हर महीने वह अपनी इनकम का कुछ हिस्सा बचा लेते हैं। इससे उनके सेविंग्स अकाउंट्स में काफी पैसा जमा हो गया है। लेकिन, वह कभी इस पैसे को निवेश करने के बारे में नहीं सोचते हैं। ना तो वह म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और न ही किसी दूसरे इनवेस्टमेंट ऑप्शन में। उन्हें पता है कि इस पैसे को सही जगह निवेश करने पर उन्हें ज्यादा रिटर्न मिलेगा। लेकिन, वह निवेश को टालते रहते हैं।
आप गंवा सकते हैं ज्यादा रिटर्न का मौका
सिंघल को अपने बैंक सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे पर 4 फीसदी रिटर्न मिलता है। इधर, स्टॉक मार्केट्स ने पिछले 3-4 सालों में शानदार रिटर्न दिए हैं। पिछले तीन साल में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों का औसत CAGR रिटर्न 20 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि सिंघल ने अगर तीन साल पहले 5 लाख रुपये का निवेश इक्विटी फंड में किया होता तो आज उनका पैसा बढ़कर 7.5 लाख रुपये (15 फीसदी सालाना रिटर्न के हिसाब से) हो गया होता। लेकिन, उन्हें सेविंग्स अकाउंट में जमा अपने पैसे पर सिर्फ 60,000 रुपये इंटरेस्ट मिला है।
सिर्फ हर महीने पैसे बचाना काफी नहीं
सिंघल अकेला व्यक्ति नहीं हैं, जिनका काफी पैसा सेविंग्स अकाउंट में पड़ा है। कई लोग है, जो बचत तो करते हैं, लेकिन यह पैसा उनके सेविंग्स अकाउंट में पड़ा रहता है। इससे वे अपने पैसे पर अच्छा रिटर्न कमाने का मौका चूक जाते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपके सेविंग्स अकाउंट में पैसे होना जरूरी है। लेकिन, इसमें ज्यादा पैसे रखन बेवकूफी है। इसमें जितना ज्यादा पैसा होगा, आप निवेश पर उतना ज्यादा रिटर्न पाने का मौका गवाएंगे।
सही जगह निवेश करने पर मिल सकता है ज्यादा रिटर्न
मान लीजिए आप 4 लाख रुपये बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट में रखते हैं। सालाना 7 फीसदी इंटरेस्ट रेट के हिसाब से आपको इस पर एक साल में 28,000 रुपये इंटरेस्ट मिलेगा। अगर आप यह पैसा हाइब्रिड या इक्विटी फंड में रखते हैं तो सालाना 9 फीसदी रिटर्न के हिसाप से आपको 36,000 रुपये रिटर्न मिलेगा। अगर सालाना रिटर्न 12 फीसदी मान लिया जाए तो यह रिटर्न बढ़कर 48,000 रुपये होगा।
आपका रिटर्न इनफ्लेशन रेट से कम तो नहीं है?
ट्रू-वर्थ फिनसल्टेंट्स के फाउंडर तिवेश शाह ने कहा कि चूंकि सेविंग्स अकाउंट पर इंटरेस्ट रेट इनफ्लेशन के रेट से कम है तो सेविंग्स अकाउंट में ज्यादा पैसे रखने का मतलब है कि उसकी वैल्यू लगातार घट रही है। फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि हर महीने खर्च और सेविंग्स के अलावा आपको कुछ पैसा इमर्जेंसी फंड में डालना चाहिए। इससे अचानक आने वाली जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आपको किसी से उधार नहीं लेना पड़ेगा।
बैंक की ऑटो-स्विप फैसिलिटी का कर सकते हैं इस्तेमाल
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग बैंक में पैसे रखना पसंद करते हैं वे बैंक की ऑटो स्विप फैसिलिटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको अपने पैसे पर एफडी अकाउंट की तरह 7 फीसदी का इंटरेस्ट मिलेगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर आप अपने सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकाल सकेंगे। एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित कई बैंकों में यह फैसिलिटी उपबल्ध है।
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कम रिस्क लेने वाले लोगों के लिए हैं म्यूचुअल फंड्स की स्कीम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम रिस्क लेने वाले लोगों के लिए भी म्यूचुअल फंड्स की स्कीमें हैं। आर्बिट्राज फंड में रिस्क कम है और टैक्स एडजस्टेड रिटर्न अच्छा है। लंबी अवधि के निवेश के लिए इक्विटी फंड में निवेश किया जा सकता है। डेट और इक्विटी में एक साथ निवेश के लिए हाइब्रिड फंड में पैसे लगाए जा सकते हैं। निवेशक रिस्क लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से इनमें से सही फंड का चुनाव कर सकते हैं। इससे आपका पैसा समय के साथ बढ़ता जाएगा। उस पर मिलने वाला रिटर्न इनफ्लेशन से ज्यादा होने पर पैसे की वैल्यू बढ़ती रहेगी।