पर्सनल लोन की जल्दी पेमेंट करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
27 March, 2025 | 11:00 IST
पर्सनल लोन कई तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है, जैसे होम रेनोवेशन, मेडिकल इमरजेंसी या किसी पुराने कर्ज को चुकाना. डिजिटल ऑप्शंस आने से पर्सनल लोन लेना आसान हो गया है. लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है. अक्सर लोग लोन समय से पहले चुकाने यानी प्रीपेमेंट का ऑप्शन चुनते हैं ताकि ब्याज का बोझ कम हो जाए. लेकिन यह फैसला लेने से पहले कुछ अहम बातों को समझना जरूरी है.
अगर कोई व्यक्ति अपने लोन की पूरी रकम या उसका कोई हिस्सा तय समय से पहले चुका देता है, तो इसे पर्सनल लोन प्रीपेमेंट कहा जाता है. आमतौर पर लोग ब्याज बचाने, अपनी क्रेडिट लाइन को फ्री करने या अगर उनके पास एक्स्ट्रा पैसा हो तो लोन से जल्दी छुटकारा पाने के लिए प्रीपेमेंट करते हैं. हालांकि, इसके फायदे तो हैं, लेकिन इससे जुड़े चार्ज और शर्तों को समझना भी जरूरी है.
कई बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस पर्सनल लोन प्रीपेमेंट पर चार्ज लगाते हैं, जो लोन एग्रीमेंट के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. यह चार्ज आमतौर पर प्रीपेमेंट अमाउंट या बाकी बचे प्रिंसिपल का कुछ फीसदी होता है. कई मामलों में यह चार्ज जीरो भी हो सकता है, जबकि कुछ जगहों पर यह 7% तक हो सकता है. इसलिए लोन एग्रीमेंट को अच्छे से पढ़कर ही फैसला लें.
किन हालातों में लोन प्रीपेमेंट सही फैसला हो सकता है?
अगर लोन का इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा है: हाई-इंटरेस्ट लोन को जल्दी चुकाने से इंटरेस्ट पर अच्छी बचत हो सकती है.
एक्स्ट्रा आमदनी या सेविंग हो: अगर बोनस या एक्स्ट्रा इनकम मिल रही है, तो लोन चुका देने से भविष्य की EMI का बोझ कम हो सकता है.
नए फाइनेंशियल गोल सेट किए हों: अगर कोई नया घर खरीदना चाहता है या बिजनेस शुरू करना चाहता है, तो पुराने लोन से जल्दी छुटकारा पाकर अपनी क्रेडिट प्रोफाइल सुधार सकता है.
लोन प्रीपेमेंट करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
प्रीपेमेंट चार्ज चेक करें: यह समझें कि लोन जल्दी चुकाने से कितना फायदा होगा और चार्ज कितना देना पड़ेगा. अगर इंटरेस्ट की बचत चार्ज से ज्यादा है, तो प्रीपेमेंट करना फायदेमंद हो सकता है.
लॉक-इन पीरियड देखें: कई बैंकों में लोन लेने के कुछ समय तक प्रीपेमेंट की इजाजत नहीं होती. यह लॉक-इन पीरियड आमतौर पर छह महीने से एक साल तक हो सकता है.
इमरजेंसी फंड बनाए रखें: अगर सेविंग का बड़ा हिस्सा लोन चुकाने में लगा दिया जाए और अचानक कोई बड़ा खर्च आ जाए, तो मुश्किल हो सकती है. इसलिए पहले यह देखें कि जरूरत पड़ने पर हाथ में कैश बचा रहे.
इंवेस्टमेंट का ऑप्शन समझें: अगर कोई ऐसा ऑप्शन है, जहां पैसा लगाकर ज्यादा रिटर्न पाया जा सकता है, तो वहां इन्वेस्ट करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है बजाय लोन जल्दी चुकाने के.
Moneycontrol ने 8 बड़े लेंडर्स के साथ पार्टनरशिप की है, जो 50 लाख रुपए तक का लोन ऑफर करते हैं. यहां पर्सनल और बिजनेस लोन दोनों के ऑप्शन मिलते हैं. इंटरेस्ट रेट 10.5 % से शुरू होता है और कोई हिडेन चार्जेज नहीं हैं.
लोन प्रीपेमेंट का सही तरीका
अगर आप पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करने का फैसला कर चुके हैं, तो कुछ जरूरी स्टेप्स फॉलो करें.
लेंडर से संपर्क करें: बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से बात करें और पता करें कि प्रीपेमेंट प्रोसेस क्या है. यह भी कन्फर्म करें कि कोई एक्स्ट्रा चार्ज तो नहीं देना होगा.
लोन एग्रीमेंट को चेक करें: अपने लोन एग्रीमेंट को अच्छे से रिव्यू करें. चेक करें कि आप पर्सनल लोन प्रीपेमेंट शर्तों का ठीक से पालन कर रहे हैं या नहीं.
प्रीपेमेंट प्रोसेस पूरा करें: बैंक के बताए तरीके से अमाउंट जमा करें और सुनिश्चित करें कि ट्रांजैक्शन सही तरीके से हो. लोन बैलेंस अपडेट होने की कन्फर्मेशन जरूर लें.
कहां से ले सकते हैं पर्सनल लोन?
आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर्सनल लोन की सुविधा देते हैं. Moneycontrol जैसे प्लेटफॉर्म्स इंस्टेंट लोन प्रोवाइड करते हैं, जिसमें कम प्रोसेसिंग फीस, बिना पेपरवर्क के फटाफट लोन अप्रूवल और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर की सुविधा मिलती है.
Moneycontrol ने 8 बड़े लेंडर्स के साथ पार्टनरशिप की है, जो 50 लाख रुपए तक का लोन ऑफर करते हैं. यहां पर्सनल और बिजनेस लोन दोनों के ऑप्शन मिलते हैं. इंटरेस्ट रेट 10.5 % से शुरू होता है और कोई हिडेन चार्जेज नहीं हैं.
निष्कर्ष
लोन प्रीपेमेंट का फैसला लेने से पहले सभी पहलुओं को अच्छी तरह समझ लेना जरूरी है. ब्याज की बचत, चार्ज, लॉक-इन पीरियड और अपनी फाइनेंशियल स्थिति को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लें. सही प्लानिंग के साथ पर्सनल लोन प्रीपेमेंट आपको फाइनेंशियल फ्रीडम दिलाने में मदद कर सकती है.
सारांश
समय से पहले पर्सनल लोन चुकाकर आप पैसे बचा सकते हैं, लेकिन इस दौरान लोन एग्रीमेंट की शर्तों को ठीक से पढ़ना जरूरी है. अच्छी प्लानिंग और प्रोसेस को समझने से आपको एक बेहतर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है.
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