14 June, 2025 | 11:00 IST

पर्सनल लोन में आपको एकमुश्त रकम मिलती है, जिसे आपको ब्याज के साथ मासिक किस्तों (EMI) के रूप में उस बैंक या NBFC को चुकाना होता है, जिससे आपने लोन लिया है.
पर्सनल लोन को आमतौर पर इसलिए पसंद किया जाता है क्योंकि इस पर क्रेडिट कार्ड की तुलना में कम ब्याज दर लगती है और इसे मैनेज करना भी आसान होता है. ज्यादातर लेंडर पर्सनल लोन में क्रेडिट कार्ड के मुकाबले ज्यादा अमाउंट देते हैं और साथ ही फ्लेक्सिबल पेमेंट प्लान भी ऑफर करते हैं. अलग-अलग डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म और इंस्टेंट लोन ऐप्स के जरिए अब कुछ घंटों में ही पर्सनल लोन पाना काफी आसान हो गया है. आप अपनी जरूरत और रीपेमेंट प्लॉन के अनुसार कई लोन ऑफर्स की तुलना भी कर सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर, मनीकंट्रोल की 8 लेंडर्स के साथ पार्टनरशिप है. इन लेंडर्स से आप 100% डिजिटल प्रोसेस के जरिए 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट लोन पा सकते हैं. इसमें तीन आसान स्टेप्स हैं - डिटेल भरें, KYC पूरी करें और EMI टेन्योर सेट करें. इस पर्सनल लोन पर ब्याज दरें सिर्फ 10.5 % सालाना से शुरू होती हैं, जो आपकी नौकरी की स्थिति पर निर्भर करती हैं.
सूची
टॉप बैंकों/ NBFCs से ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं, वो भी बिना किसी कागजी प्रक्रिया के !
100% डिजिटल
तुंरत अकाउंट ट्रांसफर
कम ब्याज़ दरआज के समय में पर्सनल लोन लेना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. बैंक, NBFCs और बाकी फाइनेंशियल कंपनियां लगातार नए-नए प्लान ला रही हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को लोन दिया जा सके.
कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 21 से 60 साल के बीच हो, जिसकी क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी हो और इनकम रेग्युलर हो, वो पर्सनल लोन के लिए एलिजिबल होता है. स्टेबल जॉब या बिजनेस वाले लोग आमतौर पर लेंडर्स की पहली पसंद होते हैं.
सैलरीड लोगों को लोन देने से पहले बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां बैकग्राउंड चेक करती हैं. पर्सनल लोन लेने के लिए एक सैलरी लिमिट या ब्रैकेट (कम-से-कम) में आना जरूरी है.
बैंक और NBFCs अक्सर ज्यादा सैलरी वाले लोगों को तवज्जों देते हैं, लेकिन 'मिनिमम सैलरी' वाली शर्त अलग-अलग लेंडर के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. कुछ बैंक 25,000 से 30,000 रुपए को मंथली सैलरी को 'मिनिमम' मानते हैं.
हालांकि, आजकल कई बैंक और NBFCs ऐसे भी हैं, जो 10,000 से 15,000 रुपए के बीच सैलरी वालों को भी पर्सनल लोन दे रहे हैं. इन पर्सनल लोन पर थोड़ा कम अमाउंट दिया जाता है ताकि बैंक को यह भरोसा रहे कि बॉरोवर समय पर लोन चुका देंगे. यह लोन अमाउंट अलग-अलग लेंडर्स की शर्तों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है.
अगर कम सैलरी वाला व्यक्ति ज्यादा लोन लेता है, तो लेंडर ब्याज दर बढ़ा सकता है. इसलिए 15,000 रुपए से कम सैलरी वालों के लिए बेहतर यही है कि वो कम अमाउंट के लिए अप्लाई करें और फ्लेक्सिबल EMI टेन्योर चुनें.
हर बैंक के अपने नियम होते हैं, लेकिन आमतौर पर कुछ सामान्य शर्तों को पूरा करना जरुरी होता है:
सबसे पहले यह चेक करें कि क्या आप एलिजिबिलिटी शर्तों को पूरा करते हैं. इसके बाद, लोन ऑफर्स, ब्याज दर और बाकी चार्जेज चेक करें. लोन का टेन्योर और अमाउंट सोच-समझकर चुनें क्योंकि ज्यादा अमाउंट और लंबे टेन्योर से आपका कुल रीपेमेंट अमाउंट बढ़ सकता है. 15,000 रुपए से कम सैलरी वालों को ऐसा EMI प्लॉन चुनना चाहिए जिसमें वे बिना डिफॉल्ट किए रीपेमेंट कर सकें.
जब आप ऑफर चुन लें, तो उसके बाद जरूरी डॉक्यूमेंट इकट्ठा करें और ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म भरें. आगे, KYC वेरिफिकेशन पूरा करें और EMI प्लान सेट करें. इसके बाद आपको लोन अमाउंट तुरंत मिल सकता है.
आप मनीकंट्रोल ऐप या वेबसाइट के जरिए 50 लाख रुपए तक के पर्सनल लोन के लिए अपनी एलिजिबिलिटी चेक कर सकते हैं और डिजिटल प्रोसेस के जरिए तुरंत लोन पा सकते हैं.
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