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महीने के खर्च संभालना किसी के लिए भी आसान नहीं होता, खासकर उन लोगों के लिए जो सैलरी पर निर्भर हैं. आमदनी अगर एवरेज हो तो रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना और साथ में बड़े सपने देखना मुश्किल हो जाता है. उदाहरण के लिए, 50,000 रुपए की मंथली सैलरी बेसिक खर्चों को तो पूरा कर सकती है, लेकिन इतने सीमित बजट के साथ बड़े लक्ष्यों को हासिल करना कठिन हो सकता है। ऐसे में पर्सनल लोन एक ऐसा ऑप्शन है, जिससे आप अपने कुछ बड़े खर्च जैसे ट्रैवल, होम रेनोवेशन या कोई बड़ी खरीदारी मैनेज कर सकते हैं.
पर्सनल लोन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से अमाउंट ले सकते हैं और उसे आसान किस्तों में चुका सकते हैं. लोन की रिपेमेंट टेन्योर भी फ्लेक्सिबल होती है, जिससे आपको आराम से EMI प्लान करने में मदद मिलती है.
मनीकंट्रोल पर पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करना काफी आसान है. पूरा प्रोसेस डिजिटल है — न कोई पेपरवर्क, न कोई झंझट. सिर्फ अपनी डिटेल्स सबमिट करें, KYC पूरा करें और EMI रिपेमेंट का शेड्यूल सेट करें. यहां आप 8 अलग-अलग लेंडर्स से 50 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. इंटरेस्ट रेट 10.5% प्रति वर्ष से शुरू होता है और प्रोसेसिंग फीस भी काफी कम है. पैसे डायरेक्ट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं.
सूची
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पर्सनल लोन लेने के लिए कुछ बेसिक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होते हैं, जो बैंक या NBFCs तय करते हैं:
सैलरी: ज्यादातर बैंक मेट्रो शहरों में रहने वालों से कम से कम 25,000 रुपए की मंथली सैलरी की उम्मीद रखते हैं. ऐसे में अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपए है, तो आप इस क्राइटेरिया को आराम से पूरा कर लेते हैं.
जॉब स्टेबिलिटी: लंबे समय से एक ही कंपनी में काम कर रहे लोग लेंडर्स को ज्यादा भरोसेमंद लगते हैं. इससे लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ जाती है.
क्रेडिट स्कोर: अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है, तो लोन मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इसलिए पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड पेमेंट सहित तमाम उधारी को समय पर चुकाना चाहिए.
क्रेडिट हिस्ट्री: कम क्रेडिट यूटिलाइजेशन और सही समय पर पेमेंट्स आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत बनाते हैं. इसके साथ ही कभी-कभी क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियां भी हो सकती हैं, इसलिए उसे भी चेक करते रहें.
कम डेट-टू-इनकम रेशियो: आपका DTI यह दिखाता है कि आपकी सैलरी का कितना हिस्सा पहले से लोन या EMI में जा रहा है. जितना कम DTI होगा, लेंडर्स को आपकी पेमेंट कैपेसिटी पर उतना ही ज्यादा भरोसा होगा.
लंबा टेन्योर चुनें: 50,000 की सैलरी में अगर आप लंबा टेन्योर चुनते हैं, तो EMI कम हो जाती है और पेमेंट का प्रेशर नहीं रहता. लेकिन ध्यान रहे कि टेन्योर लंबा होगा तो ओवरऑल इंटरेस्ट ज्यादा देना पड़ सकता है.
को-एप्लिकेंट या गारंटर: अगर आप लोन अमाउंट बढ़ाना चाहते हैं तो किसी ऐसे को को-अप्लीकेंट बना सकते हैं जिसकी इनकम या क्रेडिट स्कोर ज्यादा अच्छा हो. इससे लोन अप्रूवल की संभावना भी बढ़ जाती है.
लोन अप्लाई करने से पहले यह समझना जरूरी है कि हर महीने कितनी EMI देनी होगी और पूरा लोन चुकाने में कितना वक्त लगेगा. इसके लिए आप ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. बस लोन अमाउंट, टेन्योर और इंटरेस्ट रेट डालें, और आपके पास एक पूरा EMI शेड्यूल आ जाएगा.
₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं
पर्सनल लोन अप्लाई करना जितना आसान है, उतना ही जरूरी है कि अपने डॉक्युमेंट्स तैयार रखना. एप्लिकेशन फॉर्म में नाम, जन्मतिथि, एड्रेस, नौकरी से जुड़ी डिटेल्स जैसी बेसिक जानकारी भरनी होती है. इसके बाद इन्हें प्रूफ करना होता है.
पहचान के लिए: आधार कार्ड, PAN कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी फोटो ID
इनकम के लिए: सैलरी स्लिप्स, बैंक स्टेटमेंट और ITR
कुल मिलाकर अगर आपकी मंथली सैलरी 50,000 रुपए है, तो आप आसानी से मनीकंट्रोल के जरिए 100% डिजिटल पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यहां आपको 8 लेंडर्स से 50 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है, जिसमें इंटरेस्ट रेट 10.5% से शुरू होता है. प्लेटफॉर्म पर बिजनेस लोन का ऑप्शन भी मौजूद है. मनीकंट्रोल बिना किसी हिडन चार्ज और पेपरवर्क के साथ एक आसान और ट्रांसपेरेंट प्रोसेस मुहैया कराता है.
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