PPF vs NPS: भारत में रिटायरमेंट प्लानिंग और टैक्स बचत के लिए PPF (Public Provident Fund) और NPS (National Pension System) सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद साधन माने जाते हैं। दोनों लंबी अवधि में वेल्थ बनाने में मदद करते हैं और टैक्स लाभ भी देते हैं। हालांकि, दोनों की प्रकृति अलग है। इन्हें समझकर और साथ में इस्तेमाल करने से निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा टैक्स-फ्री इनकम मिल सकती है।
PPF: सरकारी गारंटी और टैक्स-फ्री निवेश
PPF पूरी तरह सरकारी गारंटी वाला सेविंग टूल है, जिसमें सुरक्षित और तय ब्याज मिलता है। इसमें आप एक वित्त वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश कर सकते हैं और पुराने टैक्स सिस्टम में यह राशि सेक्शन 80C में टैक्स कटौती के लिए योग्य होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका EEE स्टेटस है- निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता।
NPS: अतिरिक्त टैक्स लाभ के साथ तगड़ा रिटर्न
NPS एक मार्केट-लिंक्ड रिटायरमेंट स्कीम है जिसमें इक्विटी का एक्सपोजर मिलता है। इसलिए इसमें लॉन्ग टर्म मेंलंबे समय में बेहतर रिटर्न की गुंजाइश रहती है। पुराने टैक्स सिस्टम में यह निवेशकों को अतिरिक्त टैक्स लाभ देता है। NPS में आपको सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख की कटौती, इसके अलावा सेक्शन 80CCD(1B) में अतिरिक्त ₹50,000 की कटौती मिलती है।
नौकरीपेशा लोगों के लिए सेक्शन 80CCD(2) के तहत नियोक्ता योगदान (बेसिक सैलरी का 10%) भी टैक्स-डिडक्टिबल है और यह नए तथा पुराने दोनों टैक्स सिस्टम में लागू है। रिटायरमेंट पर आप 60% राशि टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं, जबकि 40% से एन्युटी खरीदनी होगी, जिसकी पेंशन इनकम टैक्सेबल होती है।
आंशिक निकासी (partial withdrawal) में 25% तक रकम टैक्स-फ्री रहती है। नए टैक्स सिस्टम में आपके खुद के NPS निवेश पर कटौती नहीं मिलती, लेकिन नियोक्ता का योगदान 14% तक डिडक्टिबल है। यह फैसला बजट 2024 में घोषित हुआ था।
PPF, NPS या दोनों? सही विकल्प क्या है
अगर आपका लक्ष्य सुरक्षित, गारंटीड और टैक्स-फ्री रिटर्न पाना है, तो PPF अपने आप में पर्याप्त है। लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न और अतिरिक्त टैक्स बचत चाहते हैं, तो PPF के साथ NPS जोड़ना बेहतर रणनीति साबित हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिर, दोनों को साथ में इस्तेमाल करने से सुरक्षा + ग्रोथ + टैक्स बचत का संतुलन बनता है।
PPF vs NPS: इन फायदों को समझना जरूरी
नए टैक्स सिस्टम में PPF और NPS में किए गए अपने खुद के निवेश पर पहले जैसी टैक्स कटौती नहीं मिलती, इसलिए आपको तुरंत टैक्स बचत का फायदा नहीं मिलता। इसके बावजूद दोनों योजनाएं उपयोगी हैं, क्योंकि PPF की मैच्योरिटी अमाउंट और उस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री रहता है। यानी लंबे समय में बिना किसी टैक्स बोझ के सुरक्षित रिटर्न मिलता है।
दूसरी ओर, NPS में आपकी कंपनी का योगदान अब भी टैक्स-डिडक्टिबल है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम होती है। साथ ही, यह लंबी अवधि में बेहतर ग्रोथ का मौका देता है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा मार्केट में निवेश होता है। इसलिए PPF सुरक्षा देता है, NPS ग्रोथ देता है। दोनों मिलकर आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत बनाते हैं।