मैक्स एस्टेट्स के वाइस चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर साहिल वचानी ने कहा कि अगर हमने सही प्लानिंग नहीं की तो हमारे शहर रहने लायक नहीं होंगे। उन्होंने भारतीय शहरों को रहने लायक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तेज आर्थिक और रियल एस्टेट ग्रोथ के बीच हमें इस बात का ध्यान रखना होगा। न्यूज18 के राइजिंग भारत समिट 2025 में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ग्रोथ के मौकों का फायदा उठाने के बीच शहरों को रहने लायक बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।
रियल एस्टेट की ग्रोथ में तेजी से बढ़ती इकोनॉमी का बड़ा हाथ
वचानी ने कहा, "रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का बड़ा हाथ है। लेकिन, असल रिस्क यह है कि अगर हम ठीक तरह से प्लानिंग नहीं करते हैं तो हमारे शहर रहने लायक नहीं रह जाएंगे।" उन्होंने कहा कि सही प्लानिंग, सक्षम ब्यूरोक्रेसी और सरकार की तरफ से लगातार मिलने वाली मदद से हम रहने लायक शहर और स्टॉन्ग सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण का खराब असर शहर में रहने वाले लोगों की जिंदगी पर पड़ रह है।
प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटना होगा
मनीकंट्रोल के मैनेजिंग एडिटर नलिन मेहता के साथ पैनल डिस्कशन में वचानी ने कहा कि एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन ऐसी कुछ चुनौतियां हैं, जिनका समाधान हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रैक्टिसेज के जरिए करना होगा। इसके लिए हमें शहरों के स्तर पर जागरूकता पैदा करनी होगी और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ाना होगा। इस पैनल डिस्कशन ने ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) की एडिशनल सीईओ (प्लानिंग) श्रीलक्ष्मी वीएस ने भी हिस्सा लिया।
ग्रीन बिल्डिंग्स प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता में शामिल करने की जरूरत
श्रीलक्ष्मी वीएस ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर देते हुए कहा कि ग्रीन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता ऐसे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने की होनी चाहिए जो पर्यावरण-अनुकूल हैं। हमारी प्राथमिकता ग्रीन बिल्डिंग्स प्रोजेक्ट्स होने चाहिए। जब तक शहर सस्टेनेबल नहीं होंगे, कंक्रीट के जंगल बनाने का कोई फायदा नहीं है।" उन्होंने कहा कि जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हो जाने से इस इलाके में निवेश के नए मौके बनेंगे। इससे इस इलाके के तेज विकास में मदद मिलेगी।
नोएड और ग्रेटर नोएडा इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े हब
वचानी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा की ग्रोथ की संभावनाओं के बारे बताते हुए कहा कि ये दोनों शहर इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े हब के रूप में सामने आए हैं। यहां काफी गतिविधियां हो रही हैं। इस इलाके में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी गतिविधियां बढ़ रही है। नोएडा जीसीसी और बैंकिंग फर्मों के लिए बड़े सेंटर के रूप में उभर रहा है। यहां काफी ज्यादा इनवेस्टमेंट हो रहा है। Microsoft, Google, Amazon जैसी कंपनियों के आने से शहर के सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा इम्प्रूवमेंट आएगा।