नोएडा अथॉरिटी ने नोटिस के बाद भी बकाया ना चुकाने वाले सात फर्मों पर बड़ी कार्रवाई की है। नोएडा अथॉरिटी ने एक्शन लेते हुए सात प्लॉट के आवंटन निरस्त कर दिया है। अथॉरिटी ने दो कमर्शियल परियोजनाओं और पांच संस्थागत परियोजनाओं सहित सात फर्मों को किए गए आवंटन को रद्द कर दिया है। अथॉरिटी की ओर से बार-बार चेतावनी के बावजूद इन फर्मों ने अपने वित्तीय बकाए का भुगतान नहीं किया था। इन पर करीब 15 करोड़ तक का बकाया है।
बता दें कि यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब नोएडा अथॉरिटी ने उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर वित्तीय डिफॉल्टर्स के खिलाफ अभियान शुरू किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 27 अक्टूबर, 2024 को नोएडा प्राधिकरण को उन लोगों के आवंटन रद्द करने का निर्देश दिया था, जो बार-बार नोटिस के बावजूद अपना बकाया नहीं चुका रहे हैं।
बकाया न चुकाने पर आवंटन रद्द किया
इस कार्रवाई पर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकेश एम ने बताया कि, "हमने बुधवार को दो व्यावसायिक संपत्तियों का आवंटन रद्द कर दिया है क्योंकि प्राधिकरण द्वारा उन्हें अंतिम चेतावनी नोटिस जारी करने के बावजूद फर्म वित्तीय बकाया चुकाने में विफल रहे। हम उनके आवंटियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आवंटन रद्द कर रहे हैं, जो आदतन डिफॉल्टर हैं और बकाया चुकाने की जहमत नहीं उठाते हैं
आवंटन रद्द की गई दोनों व्यावसायिक संपत्तियाँ सेक्टर 53 में स्थित हैं। एक व्यक्तिगत आवंटी इन संपत्तियों से संबंधित ₹1.44 करोड़ और ₹1.18 करोड़ का बकाया चुकाने में विफल रहा। अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण अब दोनों संपत्तियों को अपने कब्जे में लेगा और फिर नई नीलामी में इसे फिर से बेचेगा। इनके अलावा, प्राधिकरण ने मंगलवार को संस्थागत संपत्तियों के पांच आवंटन रद्द कर दिए, जिनमें कॉरपोरेट कार्यालयों के लिए चार भूखंड और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित व्यवसाय के लिए आवंटित एक प्लांट शामिल है। अधिकारी ने बताया कि चारों कॉरपोरेट कार्यालय सेक्टर 16ए, 127, 1 और 62 में स्थित हैं और आईटी कार्यालय सेक्टर 62 में स्थित है।
नोएडा अथॉरिटी को इतनी राशि की करनी है वसूली
नोएडा अथॉरिटी को सेक्टर 16ए स्थित कॉरपोरेट कार्यालयों से 5.41 करोड़, सेक्टर 127 से 4.63 करोड़, सेक्टर 1 स्थित कार्यालय से 1.32 करोड़, सेक्टर 62 स्थित कॉरपोरेट कार्यालय से 1.3 करोड़ तथा सेक्टर 62 स्थित आईटी कार्यालय से 2.24 करोड़ रुपये की राशि वसूल करनी है। 27 अक्टूबर को मुख्य सचिव सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि बकाएदारों ने भुगतान नहीं किया तो आवंटन रद्द कर दिया जाए। बोर्ड ने पाया कि प्राधिकरण को 49 आवंटियों से लगभग 1,550 करोड़ रुपये की वित्तीय राशि वसूल करनी है, जिन्होंने भुगतान नहीं किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन बकाएदारों में ईंधन स्टेशन मालिक, सरकारी कार्यालय, आईटी फर्म और वाणिज्यिक संस्थाएं शामिल हैं।