रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है कि हर महीने की नियमित सैलरी कहां से आएगी? लेकिन अब आपका घर ही आपको हर महीने पैसे दिला सकता है। अच्छी बात है कि इसके लिए न ही आपको अपना घर बेचना है और न ही खाली करना है। रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है कि हर महीने की नियमित सैलरी कहां से आएगी? नौकरी खत्म होने के बाद सैलरी बंद हो जाती है और ऐसे में कई लोग अपनी सेविंग या बच्चों पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन अब अगर आप अपना खुद का घर रखते हैं, तो वही घर आपको हर महीने पेंशन जैसी आमदनी दे सकता है और वो भी बिना उसे बेचे या छोड़े।
यह संभव है रिवर्स मॉर्गेज स्कीम (Reverse Mortgage Scheme) के जरिए। ये स्कीम खास तौर पर 60 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन के लिए बनाई गई है।
क्या है रिवर्स मॉर्गेज स्कीम?
आमतौर पर जब कोई व्यक्ति बैंक से होम लोन लेता है, तो वह बैंक को EMI देता है। लेकिन रिवर्स मॉर्गेज में इसका उल्टा होता है। इसमें बैंक घर के मालिक को पैसे देता है। यानी बैंक आपका घर गिरवी रखता है, लेकिन आप उस घर में जीवनभर रह सकते हैं। बैंक आपको हर महीने तय रकम देता है, जो एक तरह की पेंशन बन जाती है।
बैंक पहले आपके घर की मार्केट वैल्यू तय करता है, फिर उसी के आधार पर यह तय किया जाता है कि आपको कितना अमाउंट दिया जा सकता है। यह रकम एकमुश्त यानी लंपसम या मंथली किश्तों में मिल सकता है।
उदाहरण के तौर पर अगर आपके घर की कीमत 50 लाख रुपये है, तो बैंक आपको हर महीने 20,000 से 30,000 रुपये तक की आमदनी दे सकता है। यह रकम आपकी उम्र, प्रॉपर्टी की कीमत और बैंक की शर्तों पर निर्भर करती है।
इस योजना में कर्ज चुकाने की कोई जरूरत नहीं होती जब तक मालिक जीवित है। मालिक की मृत्यु के बाद बैंक घर बेचकर अपनी पैसा वसूल करता है। लेकिन घर के वारिस जैसे बच्चे चाहें तो बैंक को बाकी रकम चुकाकर घर वापस ले सकते हैं। अगर घर की कीमत लोन से ज्यादा है, तो बची हुई रकम वारिसों को लौटा दी जाती है।
आवेदक की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए।
घर भारत में होना चाहिए और पूरी तरह से उसी व्यक्ति के नाम पर हो।
घर पर कोई और लोन या बकाया नहीं होना चाहिए।
अगर घर पति-पत्नी के नाम पर है, तो दोनों को समझौते में शामिल होना होगा।
किन बैंकों में मिलती है ये सुविधा?
यह स्कीम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी से चलती है और इसे केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त है। इसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) सहित कई सरकारी और प्राइवेट बैंक चला रहे हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में बढ़ती सीनियर सिटीजन आबादी के लिए यह स्कीम बहुत फायदेमंद है। खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास पेंशन नहीं है, लेकिन कीमती मकान या संपत्ति है। यह स्कीम उन्हें फाइनेंशियल आजादी देगा। जिससे वह अपना बुढ़ापा बिना परेशानी के बिता सकते हैं।