लगातार 6 बार रेपो रेट बढ़ने के बाद क्या होम लोन तय वक्त से पहले चुका देने में समझदारी है?

पिछले साल मई से अब तक RBI रेपो रेट 6 बार बढ़ा चुका है। इससे बैंकों ने होम लोन के इंटरेस्ट रेट में भी बढ़ोतरी की है। इस वजह से कई लोगों की EMI बहुत ज्यादा बढ़ गई है। उन्हें ज्यादा EMI चुकाने में दिक्कत आ रही है

अपडेटेड Feb 09, 2023 पर 9:55 AM
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कई लोग तो ज्यादा EMI चुकाने से बचने के लिए लोन की अवधि पहले ही बढ़ा चुके हैं। इसलिए लोन की अवधि बढ़ाने की गुंजाइश नहीं बची है।

RBI के 8 फरवरी को रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ा देने के बाद होम लोन लेने वाले लोगों की EMI बढ़नी तय है। पिछले साल मई से अब तक रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ चुका है। इससे होम लोन का इंटरेस्ट रेट भी करीब इतनी ही बढ़ गया है। यह भी पता नहीं कि रेपो रेट बढ़ने का यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा। इस वजह से होम लोन लेने वाले कई लोग फिक्रमंद हैं। EMI में आगे होने वाली बढ़ोतरी उन पर भारी पड़ सकती है। कई लोग तो ज्यादा EMI चुकाने से बचने के लिए लोन की अवधि पहले ही बढ़ा चुके हैं। इसलिए लोन की अवधि बढ़ाने की गुंजाइश नहीं बची है।

ग्राहकों के पास क्या है विकल्प?

लोन डिस्ट्रिब्यूशन प्लेटफॉर्म एंड्रोमेडा सेल्स के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा, "25 बेसिस प्वाइंट्स रेपो रेट बढ़ने के बाद EMI करीब 2-4 फीसदी बढ़ जाएगी। होम लोन लेने वाले लोगों को या तो अपनी EMI बढ़ानी होगी या लोन की अवधि में इजाफा करना होगा।" एंड्रोमेडा के कैलकुलेशन के मुताबिक, 70 लाख रुपये का 20 साल के लिए 7 फीसदी इंटरेस्ट पर लिए गए होम लोन की EMI मई 2022 के बाद से अब तक 10,978 रुपये बढ़कर 65,249 रुपये हो गई है। यह EMI में 20 फीसदी वृद्धि है। इस लोन की अवधि नहीं बढ़ी है।


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प्रिपेमेंट का विकल्प कैसा रहेगा?

सवाल है कि EMI इतनी ज्यादा बढ़ जाने के बाद क्या लोन को तय वक्त से पहले चुका देने में होशियारी है? एक्सपर्ट्स ग्राहकों को समय से पहले होम लोन चुकाने की सलाह देते हैं। अगर आप हर साल होम लोन का कुछ हिस्सा समय से पहले चुकाते हैं तो आपकी EMI घटती जाती है। एक साल से कम समय में EMI करीब 20 फीसदी बढ़ जाने से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है।

बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, "अब होम लोन लेने वालों के पास प्रीपेमेंट के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। 15 साल के लोन पर EMI हर एक लाख रुपये पर 145 रुपये तक बढ़ गई है। अगर ईएमआई नहीं बढ़ती है तो लोन की अवधि 180 महीने से बढ़कर 270 महीने हो जाती है। यह करीब 7.5 साल की वृद्धि है।" स्वामीनाथन का कहना है कि आपको सबसे पहले अपनी वित्तीय स्थिति को देखनी चाहिए।

अपनी वित्तीय स्थिति देखकर लें फैसला

स्वामीनाथन ने कहा, "क्या आप होम लोन की EMI आराम से चुका रहे हैं? क्या आप EMI के साथ अपनी वित्तीय और इमर्जेंसी जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं? अगर आप प्रीपेमेंट करने का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इसलिए आपको पहले अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों की प्राथमिकता तय करनी चाहिए। उसके बाद सरप्लस फंड का इस्तेमाल प्रीपेमेंट के लिए करना चाहिए।"

ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या यह है कि प्रीपेमेंट के लिए उनके पास पर्याप्त सरप्लस फंड नहीं होता है। ऐसे में उनके पास अपने इनवेस्टमेंट को रिडीम करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। वे इस पैसे का इस्तेमाल लोन के प्रिपेमेंट के लिए कर सकते हैं। लेकिन, लैडर7 फाइनेंशियल एडवायजरीज के फाउंडर सुरेश सदगोपन का कहना है कि 9 फीसदी से ऊपर पहुंच जाने के बावजूद होम लोन का इंटरेस्ट रेट दूसरे लोन के मुकाबले कम है। उन्होंने कहा, "प्रिपेमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास सरप्लस फंड है या नहीं। इनवेस्टमेंट से पैसे निकालना समझदारी नहीं है, क्योंकि इस पर आपको ज्यादा रिटर्न मिलता है।"

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 09, 2023 9:50 AM

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