Soverign Gold Bond: आप आज (20 जून) से Sovereign Gold Bond में निवेश कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए निवेश का अच्छा मौका है, जो अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करने का प्लान बना रहे हैं। यह SGB इश्यू 24 जून (शुक्रवार) तक खुला रहेगा। इसमें मिनिमम कितना इनवेस्ट करना होगा, इनवेस्टमेंट के लिए सोने का रेट क्या होगा, इस पर आपको कितना रिटर्न मिलेगा, इसमें निवेश कितना सुरक्षित है? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
क्या यह SGB में निवेश का एकमात्र मौका है?
सबसे पहले आपको यह बता दें कि यह इस फाइनेंशियल ईयर में SGB का पहला इश्यू है। इसका दूसरा हिस्सा इसी साल अगस्त में आएगा। इसलिए आपको जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। अगर आपको पास अभी पैसा है तो थोड़ा अभी लगा दीजिए। अगर नहीं है तो आप अगस्त में इनवेस्ट कर सकते हैं।
मिनिमम कितना करना होगा निवेश?
आपको SGB के इस इश्यू में कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा। इसमें एक ग्राम सोने का प्राइस 5,041 रुपये तय किया गया है। अगर आप डिजिटल पेमेंट करते हैं तो आपको प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। इस साल मार्च में SGB का इश्यू आया था। उसमें प्रति ग्राम सोने की कीमत 5,059 रुपये थी। इस तरह इस बार मार्च के मुकाबले सोने का प्राइस प्रति ग्राम 18 रुपये कम है।
एक साल में गोल्ड ने कितना दिया रिटर्न?
अगर बीते एक साल में सोने के रिटर्न की बात करें तो रुपये में यह 7.37 फीसदी रहा है, जबकि डॉलर में यह 4.17 फीसदी रहा है। कम रिटर्न के बावजूद आपके पोर्टफोलियो में थोड़ा सोना होना जरूरी है। इसकी वजह यह है कि इसे निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है।
आप बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), Clearing Corporation of India (CCIL), कुछ पोस्टऑफिस, NSE और BSE से गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। आप चाहें तो एजेंट के जरिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं।
कितने समय तक पैसा SGB में रखना पड़ेगा?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। आप चाहें तो पांच साल के बाद पैसा निकाल सकते हैं। आप अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकते हैं। यह लिमिट एक फाइनेंशियल ईयर के लिए है। इसका मतलब है कि अगर एक साल में SGB के कई इश्यू आते हैं तो उनमें कुल मिलाकर आपका निवेश 4 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
सालाना कितना मिलेगा इंटरेस्ट?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है। आपको गोल्ड ईटीएफ में सालाना 50-100 बेसिस प्वॉइंट्स का एक्सपेंस रेशियो देना पड़ता है। SGB में किसी तरह का एक्सपेंस रेशियो नहीं लगता है। दूसरा, SGB में आपको सोने की कीमतों में होने वाली वृद्धि का फायदा मिलता है। अगर आप SGB को मैच्योरिटी तक रखते हैं तो आपको किसी तरह का कैपिटस गेंस टैक्स नहीं देना पड़ता है।