अटल पेंशन योजना (APY) सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जो खासतौर पर अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों को प्रोत्साहित करती है ताकि वे अपनी सेवानिवृत्ति के लिए वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकें। योजना के तहत सदस्य नियमित भुगतान करते हैं और 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त करते हैं। लेकिन कुछ परिस्थितियों में सदस्य योजना से पूर्व भी बाहर निकल सकते हैं, जिसके लिए कुछ सख्त नियम हैं।
योजना से 60 वर्ष से पहले निकासी के विकल्प
60 वर्ष से पहले योजना से निकासी केवल गंभीर बीमारी, मृत्यु या अन्य विनिर्दिष्ट परिस्थितियों में ही मुमकिन है। सदस्यों को पूरी पेंशन मिलने के बजाय, केवल उनके खुद के योगदान और उस पर अर्जित ब्याज का भुगतान किया जाता है। सरकार की ओर से दिया गया योगदान इस स्थिति में वापस नहीं मिलता है।
अगर सदस्य की मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो जाती है, तो उनकी पेंशन राशि व योगदान उनके जीवनसाथी या नामांकित प्राप्तकर्ता को मिलती है। जीवनसाथी या नामांकित व्यक्ति योजना को जारी रख सकता है या इससे निकासी कर सकता है।
स्वैच्छिक निकासी के तहत सदस्य योजना से पहले बाहर निकल सकता है, परन्तु इस स्थिति में उन्हें केवल अपने योगदान और ब्याज की राशि वापस मिलती है, जबकि सरकार का योगदान नहीं लौटाया जाता। यह विकल्प विशेष परिस्थितियों में दिया गया है जैसे वित्तीय तंगी या अन्य व्यक्तिगत कारण।
निकासी प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
निकासी के लिए सदस्य को अपने पेंशन फंड मैनेजर के पास आवेदन करना होता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे APY खाता विवरण, पहचान प्रमाण, चिकित्सा प्रमाण-पत्र (यदि बीमारी के कारण निकासी हो) जमा करना होता है। आवेदन की जांच के बाद निकासी की प्रक्रिया पूरी होती है।
वित्तीय सलाहकार इस योजना को लेकर कहते हैं कि बिना बहुत जरूरी कारणों के योजना से जल्दी बाहर निकलना मुनासिब नहीं क्योंकि इससे भविष्य की वित्तीय सुरक्षा प्रभावित होती है। बेहतर है कि योजना के नियमों को समझकर ही निर्णय लें।
अटल पेंशन योजना में प्रीमैच्योर निकासी के सख्त नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है। यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा देने का एक मजबूत जरिया है। इसलिए, योजना से बाहर निकलने से पहले सभी नियमों और शर्तों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।