केंद्र सरकार ने देश के टैक्सेशन सिस्टम को ऑटोमेटिक, स्वतंत्र और अन्य वित्तीय सिस्टम्स के साथ जोड़ने के लिए पिछले 3-4 माह में टैक्स स्ट्रक्चर में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत कुछ नए नियमों को लागू किया गया है और कुछ नए कदम उठाए हैं। टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की मदद और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आयकर विभाग (income tax department) ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए ITR फॉर्म्स को लेकर संशोधित निर्देश जारी किए हैं। ये संशोधित निर्देश ITR फॉर्म 3, 5, 6 और 7 के लिए जारी किए गए हैं। जानते हैं इनमें से कौन सा फॉर्म किस टैक्सपेयर को भरना होता है और इसे कैसे भरना है...

ITR FORM 3

यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स और हिंदू अभिवाजित परिवीरों (HUFs) के लोगों लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट हुआ है, लेकिन वे ITR फॉर्म 1, 2 और 4 भरने के लिए योग्य नहीं हैं।

ITR फाइल करने का तरीका

ऐसे टैक्सपेयर जिसके खाते Income Tax Act के सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट होने हैं, उसके लिए डिजिटली साइन किया हुआ ITR फाइल करना अनिवार्य है। ऐसे टैक्सपेयर जिन्हें Income Tax Act के सेक्शन 10AA, 44AB, 44DA, 50B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID, 80JJA, 80LA, 92E, 115JB या 115JC के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, उन्हें ITR फाइल करने की तारीख से पहले ऑडिट रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रस्तुत करना होगा।

ITR FORM 5

यह फॉर्म ऐसे लोग जो ITR-1 से लेकर ITR 4 तक फॉर्म भरते हैं या ऐसी कंपनी जो ITR-6 फॉर्म भरती है या चैरिटेबल ट्रस्ट और इंस्टीट्यूशंस जो ITR-7 फॉर्म भरते हैं, उनसे अलग फॉर्म भरने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है। ITR FORM 5 फॉर्म 4 भरने के योग्य पार्टनरशिप फर्म्स से अलग पार्टनरशिप फर्म्स के लिए है।

यह LLPs, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स, आर्टिफीशियल ज्यूरीडीशियल पर्सन, लोकल अथॉरिटी, कोऑपरेटिव सोसायटी, सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर सोसायटी, मृत व्यक्ति की एस्टेट, दिवालिया व्यक्ति की एस्टेट, बिजनेस ट्रस्ट, इन्वेस्टमेंट फंड जैसे टैक्सपेयर्स भरते हैं, जिनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता है। इस फॉर्म को Income Tax Act के सेक्शन 139(4A), 139(4B), 139(4C) और 139(4D) के तहत ITR फाइल करने वाले व्यक्ति नहीं भर सकते हैं।

ITR फाइल करने का तरीका

 ITR FORM 5 के लिए ऐसे टैक्सपेयर जिसके खाते Income Tax Act के सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट होने हैं, उसके लिए डिजिटली साइन किया हुआ रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। ऐसा टैक्सपेयर जिन्हें सेक्शन 10AA, 44AB, 44DA, 50B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID, 80JJA, 80LA(1), 80LA(1A), 92E, 115JB या 115JC के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, उन्हें ITR फाइलिंग की लास्ट डेट से पहले ऑडिट रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रस्तुत करना होगा।

ITR FORM 6

यह फॉर्म Income Tax Act के सेक्शन 11 के तहत टैक्स छूट क्लेम (Exemption Claim) करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए है। इसे सेक्शन 2(17) के तहत कंपनियां भर सकती हैं। इस फॉर्म को वह कंपनियां भरती हैं, जो ITR 7 फॉर्म भरने वाली कंपनियों से अलग हैं। ITR FORM 6 को फाइल करने के लिए कंपनियों को इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑनलाइन फाइल किया जा सकता है। इस फॉर्म को केवल डिजिटल सिग्नेचर के जरिये ही वेरिफाई किया जा सकता है।

ITR FORM 7

यह फॉर्म विभिन्न कंपनियों समेत उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिन्हें केवल सेक्शन 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना होता है। जिन टैक्सपेयर्स को आय पर Income Tax Act के सेक्शन 10 के तहत छूट प्राप्त है और जिन्हें अनिवार्य रूप से ITR भरने की जरूरत नहीं है, वे इस फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न फाइलिंग के लिए कर सकते हैं। इसे लोकल अथॉरिटी, केन्द्र की सशस्त्र सेनाओं के रेजिमेंटल फंड या नॉन पब्लिक फंड आदि भर सकते हैं।

ITR फाइल करने का तरीका

यह फॉर्म को राजनीतिक दल डिजिटल सिग्नेचर के जरिए ही भर सकते हैं। ऐसे टैक्सपेयर जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(23C)(iv), 10(23C)(v), 10(23C)(vi), 10(23)(via), 12A(1)(b), 92E के तहत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करना है, उन्हें ITR फाइल करने का लास्ट डेट से पहले रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। साथ ही फॉर्म 10B/10BB में ऑडिट रिपोर्ट को सेक्शन 139 के तहत ITR फाइल करने की लास्ट डेट से कम से कम 1 महीने पहले इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से फाइल करना होगा।

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