वेतनभोगी एंप्लॉयीज के लिए भी जनवरी का महीना काफी अहम होता है। दरअसल, यह संबंधित वित्त वर्ष में टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश के दस्तावेज सौंपने का अवसर होता है। हर फाइनेंशियल ईयर के शुरू होने पर यानी अप्रैल में कपंनियां अपने एंप्लॉयीज को प्रस्तावित निवेश घोषित करने को कहती हैं। साथ ही, आपको यह भी बताना पड़ता है कि आपको किस टैक्स रिजीम का चुनाव करना होगा- पुराना टैक्स सिस्टम या आसान वाली नई टैक्स रिजीम।
फाइनेंस मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में 72 पर्सेंट टैक्सपेयर्स पहले ही नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुन चुके हैं। बहरहाल, टैक्स प्लानिंग पर आखिरी वक्त में काम करने के बजाय इसकी प्रक्रिया अप्रैल से शुरू देनी चाहिए। हालांकि, कई लोग हर साल वही लगती करते हैं। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म TaxSpanner.com के को-फाउंडर सुधीर कौशिक ने बताया, 'टैक्स छूट का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए टैक्सपेयर्स को एडवांस में प्लानिंग करनी चाहिए। एक तरफ जहां सरकार नई टैक्स रिजीम को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ यह भी सच है कि पुराना स्ट्रक्चर बचत के अनुशासन को बढ़ावा देता है और इस तरह टैक्सपेयर्स की लक्ष्य आधारित प्लानिंग में इसका अहम योगदान होता है।
हम आपको टैक्स सेविंग के 5 विकल्पों के बारे में बता रहे हैं, जिससे आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी:
प्राइवेट सेक्टर के ऐसे एंप्लॉयीज जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 पर्सेंट योगदान करते हैं, वे पुरानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सीसीडी (1) के तहत कटौती का फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा, NPS के तहत आप सेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं।
वित्तीय साक्षरता में बढ़ोतरी के बावजूद कई एंप्लॉयीज निवेश का फैसला आखिरी वक्त में करते हैं। बिना सोचे-समझे 1.5 लाख रुपये की सीमा में निवेश करने का फैसला भारी पड़ सकता है। इसके तहत आप ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर देंगे, जिसमें मैच्योरिटी से पहले लिक्विडिटी नहीं होगी। मिसाल के तौर प इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) का लॉक इन पीरियड 3 साल का है। कौशिक ने बताया, 'इस सेक्शन के तहत एंप्लॉयीज के प्रोविडेंट फंड (PF) के योगदान पर भी टैक्स छूट का प्रावधान है। साथ ही, होम लोन के मूलधन पर भुगतान पर भी यह सुविधा है। इसके बावजूद, कई टैक्सपेयर्स इसको नजरअंदाज करते हैं।'
ट्यूशन फीस पर टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए आपको सिर्फ बच्चों की फीस की कॉपी सुरक्षित रखने की जरूरत है। सेक्शन 80सी के तहत आप 2 बच्चों के लिए 1.5 लाख रुपये सालाना तक स्कूल/कॉलेज की फीस पर छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा, अगर 2.5 लाख ट्यूशन फीस का भुगतान किया गया है, तो पत्नी 1.5 लाख रुपये और पति 1 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
सीनियर सिटिजन के लिए मेडिकल खर्च
सेक्शन 80डी के तहत सीनियर सिटिजन हेल्थ किसी वित्त वर्ष के दौरान इंश्योरेंस प्रीमियम और मेडिकल खर्च पर 50,000 रुपये तक छूट का ऐलान किया जा सकता है। साथ ही, अगर उनके बच्चे भी यह रकम खर्च करते हैं, वे भी छूट का दावा कर सकते हैं।
एंप्लॉयर की मदद से टैक्स सेविंग
आप रीइंबर्समेंट, सैलरी रीस्ट्रक्चरिंग के जरिये अपनी टैक्स जिम्मेदारी कम कर सकते हैं। मिसाल के तौर पर अगर एंप्लॉयर, एंप्लॉयी को निजी या आधिकारिक इस्तेमाल के लिए कार उपलब्ध कराता है, तो इस पर सस्ती दर पर टैक्स लगाया जाता है।
टैक्स रिजीम का चुनाव सावधानीपूर्वक करें
ज्यादातर एंप्लॉयर्स संबंधित फाइनेंशियल ईयर के दौरान टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं देते हैं। आम तौर पर यह फैसला अप्रैल में ही काम करते हैं। हालांकि, आप रिटर्न फाइल करते हुए जुलाई में यह विकल्प बदल सकते हैं।