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दिसंबर से एक बार फिर मोबाइल टैरिफ बढ़ाने जा रहीं टेलिकॉम कंपनियां, Bharti Airtel और Jio ने की तैयारी

मोबाइल कंपनियां मिड और हाई एंड यूजर की जेब पर कैंची चलाने की तैयारी कर रही हैं। मई में 29 महीनों में पहली बार सबसे ज्यादा 74 लाख एक्टिव यूजर बढ़े हैं। 10-12% टैरिफ बढ़ाने के साथ ही कंपनियां टियर प्राइसिंग वाले प्लान भी पेश कर सकती हैं

अपडेटेड Jul 07, 2025 पर 7:54 PM
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इस दौरान 29 महीनों पहली बार सबसे ज्यादा 74 लाख एक्टिव यूजर बढ़े हैं

टेलिकॉम कंपनियां दिसंबर तक एक बार फिर से मोबाइल यूजर्स की जेब पर कैंची चला सकती हैं। Bharti Airtel और Jio साल के अंत तक 10-12% टैरिफ बढ़ाने की योजना पर काम कर रही हैं। खास बात ये है कि इस बार बढ़ोतरी सिर्फ बेस प्लान तक सीमित न होकर मिड और हाई एंड यूजर के लिए भी होगी। टेलिकॉम कंपनियां बिना ज्यादा ग्राहक खोए आय बढ़ाने की कोशिश में लगी हैं। मई में Airtel, Jio और Vodafone Idea जैसी देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के ग्राहकों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है।

इस दौरान 29 महीनों पहली बार सबसे ज्यादा 74 लाख एक्टिव यूजर बढ़े हैं। अब इनकी संख्या 1.08 करोड़ तक पहुंच गयी है। इससे पहले जुलाई से नवंबर के बीच 2.1 करोड़ ग्राहक घट गये थे। इसके बाद से इनकी संख्या लगातार बढ़ी है।

इस स्थिति मोबाइल कंपनियों की खुशियां दोगुनी हो गयी हैं। पिछली बढ़ोतरी के बावजूद ग्राहक बढ़ने का मतलब है कि अब वे महंगे प्लान के लिए तैयार हैं। कंपनियां साल के दिसंबर तक मोबाइल टैरिफ में 10 से 12% बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती हैं। हालांकि, ये बढ़ोतरी मिड और हाई एंड यूजर्स की जेब पर ज्यादा भारी पड़ेगी। टेलिकॉम कंपनियों ने इससे पहले जुलाई 2024 में बेस टैरिफ 11-23% बढ़ाया था।


मई में में Jio ने जहां 55 लाख एक्टिव मोबाइल यूजर्स जोड़े, वहीं Airtel के 13 लाख एक्टिव यूजर बढ़े। टेलिकॉम बाजार पर जियो की हिस्सेदारी बढ़कर 53% हो गयी है, जबकि एयरटेल ने 36% हिस्सा अपने नाम किया है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार होने के बावजूद भारत में मोबाइल टैरिफ सबसे सस्ते हैं। ग्राहकों को लुभाने के लिए जियो ने बेहद कम कीमत की रणनीति अपनायी। कीमतें बढ़ाकर नुकसान उठाने का जोखिम लेने के बजाय टेलिकॉम बाजार के दूसरे खिलाड़ियों को भी यही स्ट्रैटेजी अपनानी पड़ी।

इसके अलावा, टेलिकॉम कंपनियां टियर प्राइसिंग भी लागू कर सकती हैं। यानी यूजर को पेश किये जा रहे डेटा प्लान में कटौती की जा सकती है। उन्हें उसी मूल्य पर कम डेटा ऑफर कर के वे उन्हें अधिक खर्च करने पर मजबूर कर सकती हैं। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार कंपनियां डेटा स्पीड, टाइमबेस प्लान और डेटा बेस प्लान लेकर आ सकती हैं। इसका फायदा ये होगा कि ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान चुन पायेंगे।

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