दिवाली के शुभ अवसर पर सालाना मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन इस बार 21 अक्टूबर, 2025 को होगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) इस दिन दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक विशेष एक घंटे का ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे। इसके अलावा, दोपहर 1:30 से 1:45 तक प्री-ओपन सेशन भी रहेगा, जिससे ट्रेडर्स ट्रेडिंग के लिए तैयारी कर सकेंगे। दिवाली के दिन आमतौर पर बाजार बंद रहता है, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग इस त्योहार के साथ नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है।
मुहूर्त ट्रेडिंग क्यों है खास?
मुहूर्त ट्रेडिंग का यह सत्र निवेशकों के लिए शुभ अवसर माना जाता है, क्योंकि इसे धन और समृद्धि लाने वाला समझा जाता है। पिछले 16 वर्षों में 13 बार इस विशेष सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों मजबूत होकर बंद हुए हैं, जिससे ट्रेडिंग में भाग लेने वालों का विश्वास बढ़ता है। पिछले साल भी दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स ने 335 अंक की वृद्धि के साथ 79,724 के स्तर पर बंद किया था, जबकि निफ्टी 50 में 99 अंक की बढ़ोतरी हुई।
इस परंपरा की शुरुआत बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में हुई थी। निवेशक इस समय छोटे और लॉन्ग टर्म के लिए शेयर खरीदते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि दीवाली पर किया गया निवेश पूरे साल लाभकारी रहेगा। कई निवेशक इस समय अपना पहला स्टॉक मार्केट खाता भी खोलते हैं, जो उनकी वित्तीय यात्रा का शुभारंभ होता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग से निवेशकों को क्या है फायदा?
मुहूर्त ट्रेडिंग में सिर्फ इक्विटी नहीं, बल्कि फ्यूचर, ऑप्शन, करेंसी और कमोडिटी मार्केट में भी कारोबार होता है। यह ट्रेडिंग केवल प्रतीकात्मक है, लेकिन निवेशकों के लिए नया उत्साह और विश्वास लेकर आती है। इस अवसर पर ट्रेडिंग की रणनीति भी अहम होती है, और कई व्यापारी इसे अपने वार्षिक निवेश योजना का हिस्सा मानते हैं। दीवाली के दिन का यह ट्रेडिंग सत्र न सिर्फ आर्थिक बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, जो निवेशकों को सकारात्मक ऊर्जा देती है।