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अपनी खुद की कार खरीदना लगभग हर इंसान का सपना होता है, जिसे पूरा करने में कार लोन काफी मददगार साबित होते हैं. लेकिन कुछ फैक्टर्स इसमें कभी-कभार अड़चन पैदा करते हैं. इन्हीं में से एक है क्रेडिट स्कोर, जो कार लोन के लिए अप्लाई करते समय एक अहम भूमिका निभाता है. अगर आपको ये पता हो कि कार लोन के लिए कितना स्कोर जरूरी होता है, तो सही ऑफर चुनने में आसानी होती है.
सूची
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कम ब्याज़ दरक्रेडिट स्कोर बताता है कि आपने अब तक लोन और क्रेडिट कार्ड को कितनी जिम्मेदारी से मैनेज किया है. अगर स्कोर अच्छा है तो न सिर्फ लोन मिलने की संभावनाएं बढ़ती हैं, बल्कि उस पर मिलने वाली टर्म्स भी बेहतर होती हैं. भारत में 750 या उससे ऊपर का स्कोर कार लोन के लिए अच्छा माना जाता है. हालांकि कुछ लेंडर्स 600 या उससे ऊपर के स्कोर पर भी लोन दे देते हैं. यह उनकी पॉलिसी पर निर्भर करता है.
भारत में क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. 300 मतलब बहुत कमजोर स्कोर और 900 यानी बेहद अच्छा. आप मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट पर फ्री में अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं. यहां से आप पूरी तरह डिजिटल प्रोसेस के साथ 50 लाख रुपए तक का लोन भी ले सकते हैं. प्लेटफॉर्म पर ब्याज दर 10.5% सालाना से शुरू होती है और कोई छुपे हुए चार्ज नहीं होते हैं.
ज्यादातर लेंडर्स 750 या उससे ऊपर के स्कोर को तवज्जो देते हैं. इससे उन्हें भरोसा होता है कि आप टाइम पर लोन चुका देंगे. इतना स्कोर होने पर लोन मिलने के संभावना भी ज्यादा होती है और टर्म्स भी आपके पक्ष में रहते हैं.
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लोन अप्रूवल: अगर स्कोर 750 या उससे ऊपर है तो बैंक जल्दी लोन अप्रूव कर सकते हैं. अगर स्कोर कम है तो भी लोन मिल सकता है, लेकिन ब्याज दर ज्यादा हो सकती है.
इंटरेस्ट रेट: क्रेडिट स्कोर जितना अच्छा होगा, ब्याज उतना कम मिलेगा. कम स्कोर होने पर बैंक रिस्क ज्यादा समझते हैं और उसी हिसाब से ब्याज बढ़ा देते हैं.
लोन टर्म्स: अच्छे स्कोर वालों को बैंक ज्यादा लचीले टर्म्स ऑफर करते हैं, जैसे लंबा रीपेमेंट पीरियड, जिससे EMI कम बनती है और मंथली बजट पर दवाब भी नहीं बढ़ता है.
डाउन पेमेंट: अच्छा स्कोर होने पर कम डाउन पेमेंट में भी लोन मिल सकता है.
लोन अमाउंट: हाई स्कोर पर ज्यादा लोन अमाउंट मिल सकता है, जिससे आप अपनी पसंद की महंगी गाड़ी भी खरीद सकते हैं.
तेज प्रोसेसिंग: अच्छा स्कोर होने पर आपकी एप्लिकेशन जल्दी प्रोसेस होती है.
कम डॉक्युमेंटेशन: जब लेंडर को आपकी फाइनेंशियल हैबिट्स पर भरोसा होता है, तो डॉक्युमेंटेशन कम हो जाता है.
फास्ट डिसबर्समेंट: जब लोन अप्रूव हो जाता है, तो पैसा जल्दी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है.
क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: अपनी रिपोर्ट में कोई गलती हो तो तुरंत ठीक करवाएं.
बिल टाइम पर भरें: चाहे वो EMI हो या क्रेडिट कार्ड का बिल, सब समय पर चुकाएं.
क्रेडिट कार्ड बैलेंस कम रखें: कोशिश करें कि हर कार्ड का यूज 30% लिमिट से ज्यादा न हो.
पुराने अकाउंट बंद न करें: पुराने क्रेडिट अकाउंट स्कोर में मदद करते हैं, उन्हें यूं ही चालू रखें.
क्रेडिट मिक्स रखें: सिर्फ एक ही टाइप का लोन लेने से स्कोर पर असर पड़ता है. क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन जैसे अलग-अलग टाइप के लोन रखें.
बार-बार अप्लाई न करें: ज्यादा बार क्रेडिट के लिए अप्लाई करना स्कोर को डाउन कर सकता है. कार लोन लेने से पहले खासकर ऐसा न करें.
अगर आप कार लोन लेना चाहते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर बहुत बड़ा फैक्टर हो सकता है. कम स्कोर से लोन मिलना मुश्किल हो सकता है, वहीं अच्छा स्कोर लोन अप्रूवल, बेहतर टर्म्स और कम ब्याज दर में मदद कर सकता है.
मनीकंट्रोल पर आप 100% डिजिटल प्रोसेस के साथ 50 लाख रुपए तक का मल्टीपर्पज पर्सनल लोन भी ले सकते हैं. यहां ब्याज दर 10.5% से शुरू होती है और टॉप लेंडर्स से बेस्ट ऑफर मिलते हैं.
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