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15 नवंबर से बिना FASTag वाले वाहनों पर टोल शुल्क होगा दोगुना, UPI से भुगतान पर 1.25 गुना लगेगा शुल्क

FASTag: 15 नवंबर 2025 से बिना FASTag वाले वाहन टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करेंगे तो दोगुना टोल शुल्क देंगे, जबकि डिजिटल माध्यम जैसे UPI से भुगतान करने पर केवल 1.25 गुना शुल्क देना होगा। यह नई नीति डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और टोल कलेक्शन में पारदर्शिता के लिए लागू की गई है।

अपडेटेड Oct 04, 2025 पर 10:52 PM
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सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले बिना FASTag वाले वाहनों के लिए टोल शुल्क के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 15 नवंबर 2025 से ऐसे वाहन जो टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करेंगे, उन्हें टोल शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा। वहीं जो वाहन UPI या किसी डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हैं, उन्हें मात्र 1.25 गुना शुल्क देना होगा। इस कदम का मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और टोल संग्रह प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।

टोल शुल्क के नए नियम और उनका प्रभाव

सोचा जाए तो अगर टोल शुल्क FASTag से भुगतान करने पर 100 रुपये है, तो नकद भुगतान पर यह बढ़कर 200 रुपये हो जाएगा। इसके विपरीत, डिजिटल माध्यम जैसे UPI से भुगतान करने पर यह बढ़कर 125 रुपये होगा। यह बदलाव पिछले नियमों से काफी बेहतर है, जहां पहले नकद और डिजिटल दोनों भुगतान करने वालों से दोगुना शुल्क लिया जाता था।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के तीसरे संशोधन के तहत लागू किया है। मंत्रालय का कहना है कि यह नीति यात्रियों को डिजिटल भुगतान के उपयोग के लिए प्रेरित करेगी, जिससे टोल प्लाजाओं पर भीड़ कम होगी, ट्रैवल समय घटेगा और लेनदेन प्रक्रिया तेज़ और सुगम होगी।


डिजिटल भुगतान की बढ़ती अहमियत

डिजिटल भुगतान से यात्रियों को टोल पर इंतजार कम करना होगा, साथ ही सरकार के लिए यह पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। नकद भुगतान पर अधिक शुल्क लगाकर सरकार की मंशा है कि यात्रियों को FASTag या डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा क्योंकि कम जाम और रुके बिना टोल क्रॉसिंग से प्रदूषण घटेगा।

क्या होगा प्रभाव?

इस नियम से उन यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव आएगा जो अब तक FASTag नहीं लगवाते और नकद भुगतान करते थे। उन्हें या तो FASTag लगवाना पड़ेगा या डिजिटल भुगतान के माध्यम से टोल देना अधिक किफायती होगा। वहीं, टोल प्लाजाओं पर भीड़ और जाम में कमी आएगी, जिससे देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होगा।

सरकार का आदेश

सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने, टोल संचालन में पारदर्शिता लाने और यात्रियों के सफर को बेहतर बनाने के लिए जरूरी था। 15 नवंबर से यह नए नियम पूरे देश में लागू होंगे और सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वे तत्काल FASTag लगवाएं या डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनें ताकि वे अधिक शुल्क से बच सकें।

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