सूची
- पर्सनल लोन क्या है?
- पर्सनल लोन के फायदे
- पर्सनल लोन का टेन्योर ज्यादा से ज्यादा कितना हो सकता है?
- पर्सनल लोन का टेन्योर कम से कम कितना हो सकता है?
- लोन का टेन्योर चुनते समय किन बातों का रखें ध्यान
- ब्याज और टेन्योर का बैलेंस कैसे बनाएं?
- अगर आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो क्या फायदा होगा?
- लंबे टेन्योर वाले लोन के फायदे
- निष्कर्ष
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पर्सनल लोन क्या है?
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर लोन होता है, जो बैंक या NBFCs से लिया जाता है. इसमें कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. लोन अप्रूवल आपकी इनकम और क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है. ज्यादातर मामलों में पर्सनल लोन फिक्स्ड रेट पर मिलते हैं, यानी लोन के दौरान इंटरेस्ट रेट नहीं बदलता.
मनीकंट्रोल अपने लेंडिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट पर्सनल लोन देता है. आप अपनी जॉब प्रोफाइल के हिसाब से पर्सनल या बिजनेस लोन चुन सकते हैं. पूरी प्रोसेस डिजिटल होती है और ब्याज दर 10.5% से शुरू होती है. इसमें कोई हिडन चार्ज नहीं होता.
पर्सनल लोन के फायदे
पर्सनल लोन का टेन्योर ज्यादा से ज्यादा कितना हो सकता है?
ज्यादातर लेंडर्स पर्सनल लोन के लिए 60 महीने यानी 5 साल तक का टेन्योर ऑफर करते हैं. लेकिन कुछ मामलों में इसे 7 साल या उससे ज्यादा तक भी बढ़ाया जा सकता है. अगर आप मंथली EMI का दवाब कम रखना चाहते हैं, तो लंबे टेन्योर का लोन आपके लिए बेहतर हो सकता है. हालांकि, इससे आपको कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ सकता है.
पर्सनल लोन का टेन्योर कम से कम कितना हो सकता है?
कई लेंडर्स 12 महीने यानी 1 साल के लिए लोन देते हैं. लेकिन कुछ लेंडर्स 3 महीने से भी छोटे टेन्योर का ऑप्शन रखते हैं. शॉर्ट टेन्योर उनके लिए अच्छा होता है, जिनकी इनकम ज्यादा है और जो जल्दी लोन निपटा सकते हैं. कुछ लेंडर्स लोन के शुरुआती 3 से 6 महीने में प्री-पेमेंट की परमिशन नहीं देते, इसे लॉक-इन पीरियड कहा जाता है.
लोन का टेन्योर चुनते समय किन बातों का रखें ध्यान
ब्याज और टेन्योर का बैलेंस कैसे बनाएं?
लोन चुनते समय सिर्फ EMI नहीं, बल्कि पूरा ब्याज भी देखना जरूरी है. लंबे टेन्योर में EMI तो कम होती है, लेकिन ब्याज ज्यादा देना पड़ता है. वहीं छोटा टेन्योर EMI को बढ़ा देता है, लेकिन ब्याज में काफी बचत हो जाती है. ये फैसला आपकी प्राथमिकताओं पर डिपेंड करता है कि हर महीने कम देना है या कुल ब्याज कम रखना है?
अगर आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो क्या फायदा होगा?
अगर आपकी इनकम बढ़ती है और आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो इससे ब्याज में बचत हो सकती है. लेकिन कुछ लेंडर्स प्री-पेमेंट पर चार्ज लेते हैं. इसलिए लोन लेने से पहले ये शर्तें जरूर पढ़ लें. ऐसे लोन ज्यादा फायदेमंद होते हैं, जिनमें जल्दी चुकाने पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं होता.
लंबे टेन्योर वाले लोन के फायदे
अगर आपकी प्रायॉरिटी है कि EMI कम हो ताकि बाकी खर्च भी संभाले जा सकें, तो लंबा टेन्योर एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. लेकिन इसमें ब्याज का लोड ज्यादा रहता है. इसलिए लोन का टेन्योर तय करते वक्त आपकी इनकम, खर्च और मकसद — तीनों का बैलेंस समझना जरूरी है.
निष्कर्ष
पर्सनल लोन का टेन्योर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ पर सीधा असर डालता है. इसलिए ये फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए. EMI और ब्याज के बीच सही बैलेंस बनाना ही सही फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत होती है.
मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट के जरिए आप अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग टेन्योर्स वाले लोन ऑफर देख सकते हैं. पूरी प्रोसेस डिजिटल है और यहां आपको 50 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है, वो भी 10.5% से शुरू होने वाली ब्याज दर पर.
सारांश
पर्सनल लोन का सही टेन्योर चुनना जरूरी है ताकि EMI और ब्याज में सही बैलेंस बना रहे. जानिए पर्सनल लोन की मिनिमम और मैक्सिमम टेन्योर से जुड़ी जरूरी बातें और ये कैसे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित कर सकती है.Top बैंकों/ NBFCs से
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Disclaimer
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।सूची
- पर्सनल लोन क्या है?
- पर्सनल लोन के फायदे
- पर्सनल लोन का टेन्योर ज्यादा से ज्यादा कितना हो सकता है?
- पर्सनल लोन का टेन्योर कम से कम कितना हो सकता है?
- लोन का टेन्योर चुनते समय किन बातों का रखें ध्यान
- ब्याज और टेन्योर का बैलेंस कैसे बनाएं?
- अगर आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो क्या फायदा होगा?
- लंबे टेन्योर वाले लोन के फायदे
- निष्कर्ष
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