7 सितंबर यानी आज की रात भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य हिस्सों में एक दुर्लभ खगोलीय घटना यानी पूर्ण चंद्रग्रहण देखा जाएगा। इसे आमतौर पर ‘ब्लड मून’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग में चमकता है। नेहरू प्लानेटेरियम के वरिष्ठ इंजीनियर ओ.पी. गुप्ता के अनुसार, यह ग्रहण रात 11:48 बजे अपने चरम पर होगा और करीब 48 मिनट तक चलेगा, जिसे साफ तौर पर भारत में देखा जा सकेगा। ब्लड मून
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से आ जाती है और अपनी छाया चंद्रमा पर डाल देती है। इस दौरान, पृथ्वी के वातावरण से गुजरती सूर्य की किरणें चंद्रमा पर एक लालिमा उत्पन्न करती हैं, जिससे उसे ब्लड मून कहा जाता है। इस बार का यह चंद्रग्रहण भारत के साथ पाकिस्तान और चीन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
नई दिल्ली में इस ग्रहण की पेनेमब्रल (प्रारंभिक) चरण शाम 8:58 बजे शुरू होगी, और आंशिक ग्रहण लगभग 9:57 बजे शुरू होगा। पूर्ण ग्रहण की शुरुआत रात 11:01 बजे होगी और अधिकतम ग्रहण रात 11:48 बजे होगा। यह ग्रहण अगले दिन यानी 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे समाप्त होगा। इससे चंद्रमा नेमून में परगी में होगा, जिससे उसकी दृष्टि कुछ बड़ी दिखाई देगी।
ऐसे में आसमान के प्रेमी लोगों को चंद्रग्रहण का आनंद लेने का मौका मिलेगा। इस समय ग्रहण देखने वालों को सावधानी की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह ग्रहण आंखों के लिए सुरक्षित है। न तो इसके दौरान उपवास रखने की आवश्यकता है और न ही खाने-पीने से परहेज की। साथ ही, चंद्र ग्रहण के दौरान धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ लोग घरेलू रीति-रिवाज अपनाते हैं। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक प्राकृतिक घटना है जिसका स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
इस चंद्रग्रहण से जुड़े अन्य रोचक तथ्य यह भी हैं कि यह वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण होगा। विज्ञान के अनुसार यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र में होने वाला है, जो विभिन्न राशि चक्रों पर अपने प्रभाव छोड़ता है।