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Chaitra Navratri 2025: षष्ठी तिथि पर ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, मिलेगा शुभ फल

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि की षष्ठी तिथि इस वर्ष 3 अप्रैल 2025 को पड़ेगी। इस दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त विधि-विधान से माता की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, शुभ मंत्र, भोग और पूजन का शुभ मुहूर्त

अपडेटेड Apr 03, 2025 पर 6:35 AM
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Chaitra Navratri 2025: मां कात्यायनी को शहद और हलवा विशेष रूप से प्रिय हैं।

चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। देवी शक्ति का ये स्वरूप साहस, पराक्रम और विजय का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मां कात्यायनी की उपासना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। माता का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। इस वर्ष नवरात्रि की षष्ठी तिथि 3 अप्रैल 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजन करने से व्यक्ति की बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की कृपा से विवाह संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इस शुभ अवसर पर मां की विधि-विधान से पूजा, उपवास और मंत्र जाप करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मां कात्यायनी की पौराणिक कथा


मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए उन्हें कात्यायनी नाम दिया गया। देवी शक्ति का ये स्वरूप शक्ति, साहस और विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां कात्यायनी की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।

मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त

इस दिन मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:02 बजे से शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है, जो कि सुबह 04:37 बजे से 05:23 बजे तक रहेगा।

मां कात्यायनी की पूजन विधि

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल की सफाई करें।

मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर दीप प्रज्वलित करें।

मां को कुमकुम, अक्षत, पुष्प और सोलह श्रृंगार अर्पित करें।

दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती या मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें।

अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

मां कात्यायनी को अर्पित किया जाने वाला भोग

मां कात्यायनी को शहद और हलवा विशेष रूप से प्रिय हैं। ऐसा माना जाता है कि इस प्रसाद को अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

मां कात्यायनी का प्रिय रंग

लाल रंग मां कात्यायनी का प्रिय माना जाता है। इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मां कात्यायनी के शक्तिशाली मंत्र

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

ऊं क्लीं कात्यायनी महामाया महायोगिन्य घीश्वरी,

नन्द गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।

मां कात्यायनी की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे मन से भक्ति करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

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