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Chhath Puja 2025 Niyam: छठ पूजा में भूल से भी नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, जरा सी चूक कर सकती है बड़ा नुकसान

Chhath Puja 2025 Niyam: हिंदू धर्म में छठ पूजा को बहुत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस व्रत के बहुत सख्त नियम हैं, जिनका पालन व्रत सच्चे मन से करते हैं। इन नियमों की अनदेखी से व्रत अपूर्ण रह सकता है। इसलिए छठ पूजा का अनुष्ठान शुरू करने से पहले इन्हें जानना बहुत जरूरी है।

अपडेटेड Oct 24, 2025 पर 9:43 PM
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इस व्रत में व्रती सहित समस्त परिवार कठिन और सख्त नियमों का पालन करता है।

Chhath Puja 2025 Niyam: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से कल छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय होता है। इसके बाद दूसरे दिन खरना प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती अगले 36 घंटों का निर्जला उपवास शुरू करते हैं। इस व्रत में व्रती सहित समस्त परिवार कठिन और सख्त नियमों का पालन करता है। छठ पर्व धार्मिक होने के साथ ही आत्मा की शुद्धि और प्रकृति के प्रति आभार जताने का भी उत्सव है। इसलिए इसमें तन के साथ-साथ मन की शुद्धता का भी बहुत ध्यान रखा जाता है। खान-पान से लेकर पूजा तक में शांत और सकारात्मक माहौल बनाए रखने के लिए इन 10 नियमों की अनदेखी से बचने की सलाह दी जाती है। आइए जानें इस व्रत से जुड़े इन नियमों के बारे में

छठ पूजा के सख्त नियम

  1. छठ पूजा में व्रती को स्वच्छता का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इसलिए नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक पूजा स्थल और घर दोनों जगह साफ-सफाई जरूरी है। छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय भी साफ-सफाई और शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी है।
  2. जाने-अनजाने व्रत के दौरान पानी का सेवन कर लेते हैं तो इससे पूजा अधूरी मानी जाती है। 36 घंटे के निर्जला व्रत के दौरान गलती से भी अन्न जल का सेवन करने से उपवास खंडित हो सकता है।
  3. परिवार के सभी लोगों को छठ पूजा के दौरान चारों दिन सात्विक भोजन ही करना चाहिए। यह नियम व्रत नहीं करने वालों पर भी लागू होता है। नहाय-खाय से घर में नमक, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  4. छठ पूजा में महिलाएं साफ वस्त्र धारण करके नारंगी सिंदूर अवश्य लगाएं। इस सिंदूर का छठ पर्व में खास महत्व है। इसे नाक से मांग तक लगाया जाता है। इसे अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
  5. छठ पूजा में व्रती महिलाओं की नई साड़ी या धोती सूती और साधारण सादे होनी चाहिए। छठ के कपड़े व्रत के दौरान फटने या गंदे होने नहीं चाहिए। इस व्रत का मूल भाव त्याग, तपस्या और मन की शुद्धि है।
  6. छठ पूजा में मन को शांत रखना भी बहुत जरूरी नियम है। खरना से 36 घंटे निर्जला व्रत आरंभ हो जाता है। शास्त्रों में छठ के इस नियम का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
  7. छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान की शुद्धता बनाए रखना बहुत जरूरी है। पूजा में शामिल होने वाली हर एक चीज जैसे फल, फूल आदि को साफ स्थान पर रखें।
  8. पूजा में इस्तेमाल होने वाली टोकरी, थाली, कलश, लोटा आदि चीजें नई या साफ होनी चाहिए। अगर निर्जला उपवास स्वास्थ्य कारणों से संभव ना हो, तो डॉक्टर की सलाह से हल्का फलाहार अपनाना चाहिए।
  9. छठ पूजा के दौरान परिवार के सदस्यों को ध्यान रखना चाहिए कि व्रती के भोजन करने के बाद ही प्रसाद या भोजन ग्रहण करना है। खरना के दिन इस नियम का अवश्य पालन करें।
  10. छठ पूजा के दौरान घर में टीवी/म्यूजिक बजाने से बचना चाहिए। साथ ही, सकारात्मक माहौल के लिए परिवार में झगड़ा या कलेश न होने दें और तेज आवाज में किसी से भी बात करने से बचें।

Chhath Puja 2025 Kharna Prasad: खरना प्रसाद बनाते समय इस नियम का पालन करना होता है जरूरी, जानें क्या है ये?

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