Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बहुत खास माना जाता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर को समाप्त किया था इसलिए इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इस दिन देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर गंगा स्नान करने आते हैं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है। देवी-देवताओं के स्वागत में गंगा के तट पर ढेरों दीपक जलाए जाते हैं, जिसे देव दीपावली कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। इस दिन दीपक का एक उपाय करके पूरे साल की पूजा की पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानें क्या है ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीपक जलाएं
5 नवंबर 2025 कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया जलाया जाता है। कुछ लोग इस दीपक को एक दिन पहले यानी बैकुंठ चतुर्दशी पर जलाते हैं। इस साल ये तिथि 4 नवंबर को है। ये दीपक शाम के समय में जलाया जाता है।
365 बाती का दीया जलाने की विधि
इस दीपक को सूखे नारियल में जलाया जाता है। इसे जलाने के लिए एक कलावा या कच्चा सूत लेना है। उससे 365 बाती तैयार कर लेनी है। जैसे अगर आप 5 धागे वाले कलावे या सूत को लेते हैं तो उसे अपने हाथ पर 73 बार लपेटें और बचे हुए धागे को काट दें। इस तरह से आपकी 365 बाती तैयार हो जाएंगी। अब एक सूखा नारियल लें और उसके दो हिस्से कर लें। नारियल के एक हिस्से में देसी घी भरें और इसमें 365 बाती डालें। इस दीपक को घर के मंदिर में या तुलसी के पौधे के समक्ष जला लें। दीपक के नीचे अक्षत के कुछ दाने जरूर डालें। साथ ही दीये पर हल्दी और रोली का तिलक लगाएं। इसके बाद दीपक में खील डालें। इसके बाद दीपक के ऊपर से तीन बार जल घुमाएं। इस विधि से 365 बाती का दीपक जलाकर आप पूरे साल की पूजा का फल पा सकते हैं।
यहां जलाएं 365 बाती का दीपक 
इस दीपक को वैसे ज्यादातर लोग तुलसी के पौधे के समक्ष जलाते हैं और दीपक जलाने के बाद तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा भी करते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे घर के मंदिर में तो कुछ पीपल, केले या आंवले के पेड़ के नीचे भी जलाते हैं।