Kharmas 2025: खरमास में दान का है बहुत महत्व, जानें कब से लग रहा है खरमास?

Kharmas 2025: खरमास में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। यह अवधि लगभग एक महीने की होती है, जिसमें पूजा और दान का बहुत महत्व है। खरमास में दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है। आइए जानें कब से शुरू हो रहा है खरमास और क्यों है इसमें दान का महत्व?

अपडेटेड Dec 08, 2025 पर 11:40 PM
Story continues below Advertisement
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा।

Kharmas 2025: हिंदू धर्म में खरमास को बहुत पवित्र समय माना गया है। हालांकि इसमें मांगलिक कार्य नहीं होते हैं, लेकिन पूजा और दान का विशेष महत्व है। हिंदू वर्ष में हर साल दो बार खरमास लगता है। यह वही अवधि होती है, जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। उनके राशि परिवर्तन को ज्योतिष की भाषा में संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब खरमास लगता है। ये ग्रह गुरु की राशि धनु में दिसंबर में प्रवेश करता है और फिर मीन में मार्च में राशि परिवर्तन करते हैं, तब खरमास लगता है। इसी एक माह के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक काम रोक दिए जाते हैं। खरमास के दिनों जप, दान, नदी स्नान और तीर्थयात्रा शुभ मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब से लग रहा है खरमास और इन दिनों में क्या करना चाहिए क्या नहीं।

इस दिन से शुरू होगा खरमास

पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2025 की रात 10:19 बजे सूर्य वृश्चिक से निकलकर बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेगा और यह स्थिति 14 जनवरी 2026 तक बनी रहेगी। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा।

खरमास में क्या करना चाहिए

  • खरमास में धार्मिक ग्रंथों का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। इस महीने में धार्मिक ग्रंथों या शास्त्रों का पाठ करने पर शुभ फल और जीवन मार्गदर्शन दोनों प्राप्त होते हैं।
  • खरमास की अवधि में दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। श्रद्धापूर्वक किया गया दान तीर्थ स्नान के समान पुण्य प्रदान करता है।
  • जरूरतमंदों, साधु-संतों और असहाय लोगों की सेवा करने से धार्मिक लाभ के साथ आत्मिक संतोष भी मिलता है। मंदिरों में कुमकुम, तेल, घी, फूल, दीपक, धूप आदि सामग्री अर्पित करना शुभ माना जाता है।
  • खरमास में सूर्य पूजा लाभदायक होती है। सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य देकर “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं।


खरमास में शुभ काम क्यों नहीं करते

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास की अवधि में शुभ मुहूर्त इसलिए नहीं माने जाते क्योंकि सूर्य देव, जिन्हें प्रत्यक्ष देवता कहा गया है, अपने गुरु बृहस्पति की राशि में रहते हुए थोड़े कमजोर पड़ते हैं। सूर्य और गुरु दोनों के प्रभाव के कम होने से मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल ऊर्जा का अभाव माना जाता है। 14 जनवरी 2026 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य फिर से प्रारंभ किए जा सकेंगे।

Adhik Maas 2026: नए साल में बन रहा अधिक मास का दुर्लभ संयोग, इसमें करें ये खास उपाय

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।