Kharmas 2025: हिंदू धर्म में खरमास की अवधि को बहुत अहमियत दी जाती है। सूर्य हर माह राशि बदलते हैं। इसी क्रम में जब वो बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। खरमास में मांगलिक कार्य और नया काम शुरू करने पर रोक होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में सूर्य और बृहस्पति दोनों की ऊर्जा कमजोर होती है। ये दोनों ग्रह शुभता बढ़ाने वाले माने जाते हैं और इनकी अनुपस्थिति में मांगलिक कार्य नहीं हो सकते हैं। हालांकि, आध्यात्मिक रूप से ये अवधि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान पूजा-पाठ, स्नान-दान और अनुष्ठान का बहुत महत्व माना जाता है। खरमास में सूर्य और बृहस्पति ग्रह की पूजा करने से बहुत शभ फल प्राप्त होता है।
खरमास के दौरान जहां शादी, गौना जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं, वहीं इस दौरान शादी से संबंधित कुछ उपाय किए जा सकते हैं। अगर किसी की कुंडली में विवाह दोष है, या उसकी बनती बात भी बार-बार बिगड़ जाती है, तो खरमास में इसके लिए उपाय कर सकते हैं। आइए जानें क्या हैं ये उपाय
खरमास में करें विवाह दोष दूर करने के उपाय
खरमास में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन इस दौरान सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा में पीले रंग का उपयोग, मंत्र जाप (जैसे “ॐ श्रीं ह्रीं पूर्ण गृहस्थ सुख सिद्धये ह्रीं श्रीं ॐ नमः”), और दान-पुण्य जैसे उपाय किए जाते हैं। ये वैवाहिक जीवन में खुशी लाते हैं, घर में धन-समृद्धि लाते हैं और दोषों को शांत करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, विवाह दोष दूर करने के लिए इन उपायों को करने से खरमास के बाद शुभ मुहूर्त शुरू होते ही विवाह के योग बनते हैं।
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14 जनवरी को भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास का समापन हो जाएगा। लेकिन, शुक्र ग्रह अस्त रहेंगे, इसलिए जनवरी 2026 में विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है। शुक्र ग्रह का उदय 01 फरवरी 2026 को होगा। शुक्र के उदय होने के बाद ही विवाह और अन्य मांगलिक शुरू होते हैं, इसलिए विवाह के सीजन की शुरुआत फरवरी 2026 से होगी।