आज यानी 29 सितंबर 2025 को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विशेष पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां की विधिपूर्वक आराधना करने से भक्तों के जीवन में सुरक्षा, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि का रूप भयानक प्रतीत होता है, लेकिन भक्तों के लिए वह सभी नकारात्मक शक्तियों और संकटों से रक्षा करती हैं। इस पावन दिन विधिपूर्वक पूजा करने से घर में शांति, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
आज का दिन सोमवार है, तिथि सप्तमी दोपहर 04:31 तक रहेगी। सूर्य राशि कन्या और चंद्र राशि धनु में स्थित हैं। सूर्योदय सुबह 06:13 बजे और सूर्यास्त शाम 18:09 बजे होगा। चंद्रमा दोपहर 12:51 बजे उदय होगा और 22:55 बजे अस्त होगा। आज का मूल नक्षत्र गंभीर, अनुशासनप्रिय और ईमानदार व्यक्तित्व को दर्शाता है।
अभिजीत मुहूर्त: 11:47–12:35
अमृत काल: 30 सितंबर रात 11:15 से 01:01 तक
विशेषताएं: क्रोधी, अनुशासनप्रिय, गंभीर, मिलनसार, दानशील, ईमानदार
देवता: निरति (विनाश की देवी)
विद्या और ज्ञान की देवी को आमंत्रित करें
शिक्षा, कला और संगीत में सफलता पाने के लिए आज मां सरस्वती का अवाहन करना लाभकारी है। मंत्रों और स्तोत्रों के माध्यम से मां का स्वागत करें। ये मानसिक शांति, ज्ञानवृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने का उत्तम तरीका है।
सातवें दिन की पूजा मां कालरात्रि को समर्पित होती है। मां कालरात्रि का रूप भयानक लगता है, लेकिन भक्तों के लिए ये संकट और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा करती हैं। उनके चार हाथ हैं, जिनमें खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है। बाल लंबे और बिखरे हुए, गले में माला, और शरीर काला है।
रूप और प्रतीक: शरीर काला, लंबे बिखरे बाल, चार हाथ जिनमें खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा।
प्रिय भोग: गुड़ और गुड़ से बनी चीजें।
सप्तमी तिथि के विशेष उपाय
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी