भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए गूगल को 29 अप्रैल से 15 मई, 2025 के बीच तीन आदेश जारी कर 3,000 से अधिक ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाने का निर्देश दिया था। इन आदेशों का खुलासा अगस्त में कुछ समय के लिए लूमैन डेटाबेस पर हुआ था, लेकिन बाद में इन्हें सार्वजनिक रूप से हटा दिया गया।
किन ऐप्स को निशाना बनाया गया और वे कहां से थे?
इन आदेशों में कई तरह के ऐप्स शामिल थे, जिनमें वीपीएन सेवाएं, इस्लामिक धार्मिक ऐप्स, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, भाषा उपकरण, एआई-संचालित जनरेटर और यहां तक कि कैलकुलेटर और वॉलपेपर जैसे सामान्य उपयोगिता वाले एप्लिकेशन भी शामिल थे। मनीकंट्रोल द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से बड़ी संख्या में ऐप्स पाकिस्तान से थे, जबकि अन्य दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के डेवलपर्स से जुड़े थे।
किस आधार पर दिए गए थे आदेश?
जानकारी के मुताबिक, ये निर्देश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत दिए गए हैं, जो केंद्र सरकार को देश की संप्रभुता, सुरक्षा, या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में ऑनलाइन सामग्री तक सार्वजनिक पहुंच को ब्लॉक करने का अधिकार देता है। इन नोटिसों का समय हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीमा झड़पों के साथ मेल खाता है। इस संयोग ने इस बात को बल दिया है कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के विचारों से प्रेरित हो सकती है, हालांकि MeitY ने अभी तक अपनी कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया है।
लूमैन डेटाबेस से क्यों हटाए गए खुलासे?
इन ऐप्स को हटाए जाने के अनुरोध सबसे पहले लूमैन डेटाबेस पर दर्ज किए गए थे, जो कानूनी और सरकारी आदेशों का संग्रह करता है। हालांकि, बाद में इन प्रविष्टियों को सार्वजनिक दृश्य से हटा दिया गया। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह सरकार के अनुरोध पर किया गया था या गूगल ने खुद ऐसा किया था।
इससे पहले भी 18 फरवरी, 2025 को प्रकाशित एक अलग खुलासे में भारत में उपलब्ध 119 ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था। ये ऐप्स मुख्य रूप से वीडियो और वॉयस चैट प्लेटफॉर्म थे जो चीन और हांगकांग के डेवलपर्स से जुड़े थे। कुछ कम संख्या में सिंगापुर, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया के ऐप्स भी प्रभावित हुए थे।