इतिहास की गहराइयों में कई ऐसे पहलू छिपे होते हैं जिनके बारे में लिखित दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते। ऐसे रहस्यों को समझने के लिए पुरातत्वविदों की खुदाई में मिले अवशेष सबसे बड़ा सहारा होते हैं। हाल ही में ब्रिटेन की मशहूर थेम्स नदी के किनारे 1200 साल पुरानी एक महिला की हड्डियां मिली हैं, जो मध्यकालीन लंदन की जीवनशैली और उस समय के कठोर कानूनों की अनकही कहानी बयां करती हैं। ये खोज न सिर्फ उस समय की सामाजिक और कानूनी स्थितियों पर रोशनी डालती है, बल्कि ये भी दिखाती है कि उस वक्त अपराध और सजा के बीच कितना भयावह और निर्दयी रिश्ता था।
इस महिला की कहानी हमें मध्य युग की सजा-व्यवस्था, लोगों के जीवन संघर्ष और उस समय के समाज के कठोर नियमों को समझने का एक दुर्लभ मौका देती है। ये खोज इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
600 से 800 ईस्वी के बीच ये इलाका “लंदनविक” के नाम से जाना जाता था। तब लकड़ी की तंग गलियों और लगभग 9 हजार लोगों की आबादी वाला ये स्थान आज के कोवेंट गार्डन के नीचे स्थित था। मिली हड्डियां इसी समय की हैं, जिनका अध्ययन इस इतिहास को नया आयाम देता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि उस समय अपराधियों को सार्वजनिक तौर पर सड़क के बीच फांसी दी जाती थी, ताकि बाकी लोग भयभीत रहें। इस महिला के कंकाल को इसी संदर्भ में लंदन के म्यूजियम में “UPT90 sk 1278” के नाम से रखा गया है। अनुमान है कि उसकी उम्र मौत के समय 28 से 40 साल के बीच थी।
दफनाने के बजाय छोड़ दिया गया था खुले में
खोजकर्ताओं ने पाया कि इस महिला को दफनाया नहीं गया था, बल्कि पेड़ की छाल और पत्तियों की चादर के बीच रखा गया था। 1991 में ये कंकाल मिला था, लेकिन अब तक के गहन अध्ययन से पता चला कि उसे एक चेतावनी के रूप में खुले में छोड़ दिया गया था।
मौत से पहले पीड़ा की अमानवीय कहानी
डॉ. मेडलाइन मैन्ट के अनुसार, महिला को फांसी से पहले भयानक तरीके से पीटा गया था। उसकी हड्डियों पर 50 से अधिक घाव और फ्रैक्चर मिले हैं, जो बताता है कि उसे चाबुक, छड़ी, घूंसे और लातों से भी मारा गया था। ये अत्याचार शायद उसके अपराध के लिए कठोर सजा का हिस्सा था।
शुरुआती मध्ययुग में मौत की सजा कम दी जाती थी, लेकिन समय के साथ अपराधों में वृद्धि के कारण ये सख्त हो गई। चोरी, देशद्रोह, जादू टोना जैसे अपराधों के लिए भी फांसी की सजा सामान्य हो गई थी। ये कंकाल उस कड़े कानून और बेरहम समाज व्यवस्था का साक्ष्य है।