Chhath Puja 2025: छठ पूजा के मौके पर जरूर सुनें ये सुपरहिट गीत, भक्तिमय हो जाएगा पूरे घर का माहौल

Chhath Puja 2025: हर साल छठ महापर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाता है। छठ के इस पावन अवसर पर हर तरफ रौनक देखने को मिल रहा है। बिहार समेत देश के कई राज्यों में महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है

अपडेटेड Oct 27, 2025 पर 10:20 PM
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Chhath Puja 2025 : छठ के पावन अवसर पर ये लोकगीत इस त्यौहार की रौनक को और बढ़ा देते हैं

Chhath Puja 2025: हिंदू धर्म में छठ महापर्व का खास धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। हर साल ये पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाता है। बिहार समेत देश के कई राज्यों में महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। आस्था और श्रद्धा से जुड़ा ये महापर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। खरना का प्रसाद लेने के बाद व्रती 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रखती है। छठ के इस पावन अवसर पर हर तरफ रौनक देखने को मिल रहा है।

छठ पूजा के घर-घर में छठ के भक्ति गीत गाए जा रहे हैं। छठ के पावन अवसर पर ये लोकगीत इस त्यौहार की रौनक को और बढ़ा देते हैं। जानें इन लोकगीत के बारे में।

छठ पूजा के लोकप्रिय  गीत

1- सुरुज देव घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो


जोड़े जोड़े फलवा

सुरुज देव घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

सीतली बयरिया सीतल दूजे पनिया

कब देब देवता तू आके दर्सनिया

हां, सीतली बयरिया सीतल दूजे पनिया

कब देब देवता तू आके दर्सनिया

जोड़े जोड़े सूपवा

आदित देव घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

भुखली सरीरिया सजल सुभे मनवा

पुरुबे लागल बडुवे सबके ध्यनवा

हां, भुखली सरीरिया सजल सुभे मनवा

पुरुबे लागल बडुवे सबके ध्यनवा

जोड़े जोड़े दउरा

ऐ दीनानाथ घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

विनय बिहारी लिखले माई के भजनवा

गावेली पलक बेटी धई के ध्यनवा

विनय बिहारी लिखले माई के भजनवा

गावेली पलक बेटी धई के ध्यनवा

जोड़े जोड़े पियरी

ऐ गंगा मईया घटवा पे तीवई चढ़ावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

जल बिच खड़ा होई दर्सन ला आसरा लगावेले हो

2- पहिले पहिल हम कईनी

छठी मईया व्रत तोहार

करिहा क्षमा छठी मईया

भूल-चूक गलती हमार

सब के बलकवा के दिहा

छठी मईया ममता-दुलार

पिया के सनईहा बनईहा

मईया दिहा सुख-सार

नारियल-केरवा घोउदवा

साजल नदिया किनार

सुनिहा अरज छठी मईया

बढ़े कुल-परिवार

घाट सजेवली मनोहर

मईया तोरा भगती अपार

लिहिएं अरग हे मईया

दिहीं आशीष हजार

पहिले पहिल हम कईनी

छठी मईया व्रत तोहर

करिहा क्षमा छठी मईया

भूल-चूक गलती हमार

3- ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

अमरुदवा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

शरीफवा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

सभे फलवा जे फरेला खबद से

ओह पर सुगा मेड़राए

मारबो रे सुगवा धनुख से

सुगा गिरे मुरझाए

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से

आदित होई ना सहाय

4-  कांच ही बंस के बहंगिया, बहंगी लचकल जाए

बलमा, बनल छै कहरिया, बहंगी घाट पहुंचाए

कांच ही बंस के बहंगिया, बहंगी लचकल जाए

रहिया में पूछै बटोहिया, "बहंगी केकर जाए?"

आंधर छै तोय बटोहिया, बहंगी छठी मांई के जाए

छठी माई के होए छै बरतिया, सब अरग दैयले जाए

रहिया में पूछै बटोहिया, "बहंगी केकर जाए"?

आंधर छै तोय बटोहिया, बहंगी छठी मांई के जाए

छठी माई के होए छै बरतिया, सब अरग दैयले जाए

बहंगी लचकल जाए

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