Bengaluru News: भारत के सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु में जीवनयापन की बढ़ती लागत अब चर्चा का विषय बन गई है। बेंगलुरु में रह रही एक रूसी महिला यूलिया अस्लामोवा ने अपने खर्चों को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसपर खूब चर्चा हो रही है। यूलिया ने अपने परिवार के भारी-भरकम मासिक खर्च का खुलासा किया, जिसमें उन्होंने यह बताकर सबको चौंका दिया कि वह अपने घरेलू सहायक स्टाफ को ही ₹45,000 तक का सैलेरी देती है। इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि क्या वह जरूरत से ज्यादा खर्च कर रही हैं, जिससे लोकल लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
यूरोप के शहरों जितना हो रहा बेंगलुरु में खर्च
यूलिया अस्लामोवा पिछले 11 साल से बेंगलुरु में रह रही हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि कैसे शहर की महंगाई अब यूरोप के कई देशों के बराबर हो गई है। यूलिया ने बताया, '11 साल पहले जब मैं अपने प्रोजेक्ट के लिए बेंगलुरु आई थी, तब सब कुछ बहुत सस्ता था। मुझे याद है कि एचएसआर लेआउट में एक नया, सेमी-फर्निश्ड 2BHK फ्लैट गेटेड सोसाइटी में मात्र ₹25,000 में मिल जाता था और एयरपोर्ट कैब का किराया करीब ₹700 था।'
उनका मानना है कि अब बेंगलुरु का खर्च 'स्पेन, पुर्तगाल, ग्रीस, साइप्रस और रूस के सेंट पीटर्सबर्ग जैसे यूरोपीय शहरों' के बराबर हो गया है। यूलिया के अनुसार, एक छोटे परिवार के लिए बेंगलुरु में 'सामान्य जीवनयापन' करने के लिए कम से कम ₹2.5 लाख महीना खर्च आता है, जो गुड़गांव और मुंबई में इससे भी अधिक है।
यूलिया के परिवार का मासिक खर्च
यूलिया ने अपने मासिक बजट का पूरा ब्यौरा दिया है, जिसमें सबसे ज्यादा ध्यान घरेलू सहायकों के वेतन ने खींचा। हालांकि उन्होंने बताया कि ₹45,000 का आंकड़ा कई सहायकों का संयुक्त वेतन है।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
यूलिया के वीडियो को लगभग तीन लाख व्यूज मिले हैं और इस पर लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ यूजर्स ने सीधे टिप्पणी की कि 'घरेलू हेल्प के लिए ₹45,000? आप तो जरूरत से ज्यादा दे रही हैं, इससे स्थानीय लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ती हैं।' एक अन्य यूजर ने 20 साल से शहर में रहने के बावजूद इतना खर्च न करने की बात कही। वहीं, कई लोगों ने यूलिया की बातों से सहमति जताई, जिसमें एक यूजर ने कहा कि 'गुड़गांव में खर्च बेंगलुरु जितना या उससे ज्यादा है।' एक विदेशी यूजर ने इसे 'नीदरलैंड्स में हमारे मासिक खर्च के बराबर या कभी-कभी उससे भी ज्यादा' बताया।